Indian Economy: महान शक्ति बन उभर रहा भारत, पश्चिमी देश सोच समझ लगा रहे दांव, जानें क्या विशेषज्ञ ने क्या कहा
Indian Economy: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और टिप्पणीकार मार्टिन वुल्फ ने टिप्पनी करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से ‘तेजी एक बड़ी ताकत’ बनने की ओर अग्रसर है और 2050 तक इसका आकार अमेरिका के बराबर होगा. पश्चिमी देशों नेता सोच-विचारकर भारत पर दांव लगा रहे हैं.
Indian Economy: जहां पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी है. वहीं, भारत तेजी से वैश्विक आर्थिक शक्ति के रुप में उभर रहा है. 2050 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. इसे लेकर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और टिप्पणीकार मार्टिन वुल्फ ने टिप्पनी करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से ‘तेजी एक बड़ी ताकत’ बनने की ओर अग्रसर है और 2050 तक इसका आकार अमेरिका के बराबर होगा. पश्चिमी देशों नेता सोच-विचारकर भारत पर दांव लगा रहे हैं. उन्होंने द फाइनेंशियल टाइम्स में लिखे लेख में कहा कि मैं मानता हूं कि भारत 2050 तक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि को पांच प्रतिशत या इसके आसपास बनाए रख सकता है. बेहतर नीतियों से वृद्धि इससे ऊंची भी रह सकती है. हालांकि, यह कुछ कम भी रह सकती है.
भारत को मिलेगा ‘चीन प्लस वन’ रणनीति का लाभ
मार्टिन वुल्फ ने कहा कि भारत ‘चीन प्लस वन’ रणनीति को अपनाने वाली कंपनियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है. बड़े घरेलू बाजार की वजह से इस मामले में अन्य प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में भारत लाभ की स्थिति में है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. क्रय शक्ति के मामले में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2050 तक देश की जनसंख्या 1.67 अरब पर पहुंच जाएगी. अभी भारत की आबादी 1.43 अरब है. वुल्फ ने कहा कि देश के बैंकों का बही-खाता बेहतर हो गया है. ऋण वृद्धि भी अब बेहतर आकार ले रही है. उन्होंने लिखा कि आगामी दशकों में देश की अर्थव्यवस्था और आबादी दोनों तेजी से बढ़ेंगी. इससे भारत, चीन को टक्कर देगा. भारत के पश्चिमी देशों के साथ भी अच्छे संबंध हैं, जो अच्छी चीज है. वुल्फ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कभी प्रतिबंधित रहे नरेन्द्र मोदी का वॉशिंगटन में गर्मजोशी से स्वागत किया. पेरिस में इमैनुएल मैक्रों ने भी भारतीय नेता को उतनी ही गर्मजोशी से गले लगाया. यह एक ऐसे देश के साथ नजदीकी संबंधों को दर्शाता है जो चीन के लिए शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी साबित हो सकता है.
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‘IMF ने लगाया छह प्रतिशत वृद्धिदर का अनुमान’
फाइनेंशियल टाइम्स में छपे अपने लेख में मार्टिन वुल्फ ने कहा कि क्या यह पश्चिमी ताकतों का अच्छा दांव है? हां, निश्चित रूप से भारत तेजी से बढ़ती ताकत है. उनके हितों में भी सामंजस्य है. उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2023 से 2028 तक वार्षिक आर्थिक वृद्धि छह प्रतिशत से कुछ अधिक रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद इससे लगभग एक प्रतिशत अंक कम की रफ्तार से बढ़ेगा. यदि वैश्विक या घरेलू स्तर पर कोई बड़े झटके नहीं लगते हैं, तो यह वृद्धि पिछले तीन दशक के औसत के बराबर होगी. यह एक युवा देश है, जिसके श्रमबल की गुणवत्ता में सुधार की संभावना है, बचत की दर काफी ऊंची है और अधिक समृद्धि की व्यापक उम्मीदें हैं.
2050 तक चीन के बराबर होगा भारत: वुल्फ
भारत का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद पर टिप्पणी करते हुए मार्टिन वुल्फ ने कहा कि 2050 तक भारत का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (क्रय शक्ति के आधार पर) उसी स्तर पर होगा, जहां आज चीन है. वुल्फ ने यह अनुमान भारत की वार्षिक वृद्धि पांच प्रतिशत तथा अमेरिका की 1.4 प्रतिशत रहने के आधार पर लगाया है. उन्होंने कहा कि भारत की आबादी भी अमेरिकी की तुलना में 4.4 गुना होगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में यह कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2050 तक अमेरिका के समान होगा. ऐसे में पश्चिमी नेता समझदारी से भारत पर दांव लगा रहे हैं.
वर्ल्ड बैंक प्रमुख ने भी की थी भारत की तारीफ
विश्व बैंक के प्रमुख अजय बंगा (Ajay Banga) ने भारतीय अर्थव्यवस्था की जमकर तारीफ की है. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत के पास मौका है कि वो चीन प्लस वन रणनीति का फायदा उठाये. अजय बंगा ने कहा कि भारत वैश्विक सुस्ती के दौर में कई ऐसे कदम उठा रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं. देश कोविड महामारी के समय पैदा हुई चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरा है. मगर भारतीय अर्थव्यवस्था की ये रफ्तार आगे भी कायम रखने की जरूरत है. भारत वैश्विक स्तर पर कायम सुस्ती के बीच काफी कुछ ऐसा कर रहा है जो उसे आगे रखने में मदद कर रहे हैं.
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