21 दिनों के लॉकडाउन में देश के अर्थव्यवस्था को हुआ इतने करोड़ नुकसान !
देश में कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए पीएम मोदी ने लॉकडाउन 2.0 लगाने की घोषणा की है. इस घोषणा के साथ ही पीएम ने व्यवसाय और उद्योग जगत के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे इस वक्त में संवेदनशील बनें और अपने यहां के कर्मचारियों को नौकरी से न हटाएं.
नयी दिल्ली : देश में कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए पीएम मोदी ने लॉकडाउन 2.0 लगाने की घोषणा की है. इस घोषणा के साथ ही पीएम ने व्यवसाय और उद्योग जगत के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे इस वक्त में संवेदनशील बनें और अपने यहां के कर्मचारियों को नौकरी से न हटाएं.
पीएम मोदी ने यह अपील ऐसे वक्त में की है, जब देश और दुनिया में आर्थिक मंदी आने का संकेत है. माना जा रहा है कि कई राज्य पीएम के अपील के बाद इसपर सख्ती से काम कर सकते हैं.
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रोज 34 हजार करोड़ का नुकसान- रेटिंग एजेंसी एक्यूट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर दिन 4.5 अरब डॉलर यानी करीब 34 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. एजेंसी ने कहा कि 21 दिनों के लॉकडाउन में 100 अरब डॉलर का नुकसान होगा.
खुदरा कारोबार में 30 अरब डॉलर का नुकसान- कैट का अनुमान है कि मार्च के दूसरे पखवाड़े में कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए देशव्यापी बंद से खुदरा कारोबार में 30 अरब डॉलर का भारी नुकसान हुआ है. देश के खुदरा क्षेत्र में सात करोड़ छोटे, मझोले और बड़े कारोबारी है.
70 प्रतिशत आर्थिक गतिविधि ठप– समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 21 दिनों के देशव्यापी बंद की घोषणा की। इससे 70 प्रतिशत आर्थिक गतिविधियां, निवेश, निर्यात और जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य उत्पादों की खपत थम गयी है. केवल कृषि, खनन, उपयोगी सेवाएं, कुछ वित्तीय और आईटी सेवाएं तथा जन सेवाओं को ही काम करने की अनुमति मिली है.
इससे पहले, रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स ने कोरना वायरस प्रकोप के कारण भारत की जीडीपी ग्रोथ घटने का अनुमान लगाया था. मूडीज ने कहा है कि भारत की जीडीपी 5.4 प्रतिशत से घटकर 5.3 प्रतिशत हो जायेगी. एजेंसी ने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक में कहा है कि दुनिया भर में कोरोना के कारण बाजार की मांगों में कमी आयी है. साथ ही एजेंसी ने कहा, अगर अब भी इसपर काबू पा लिया गया तो भी दूसरी तिमाही में जीडीपी बढ़ने का कोई संभावना नहीं दिख रही है.