Indian Economy: 2047 तक भारत बनेगा 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था! जी-20 शेरपा ने बताया फॉर्मूला

Indian Economy: वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशथ था.

By Madhuresh Narayan | February 19, 2024 7:54 AM

Indian Economy: पूरी दुनिया की इकोनॉमी में उथल-पुथल का माहौल है. इंग्लैंड और जापान जैसे देश मंदी की चपेट में आ चूके हैं. लगातार दूसरी तिमाही में कई देशों को अपनी जीडीपी में गिरावट देखने को मिला. साल 2024 की शुरूआत में ही, अमेरिका में एक बार फिर से महंगाई ने सिर उठाना शुरू कर दिया है. इन सबके बीच भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेजी से आगे बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशथ था. वहीं, भारत के जी-20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को लगभग तीन दशकों तक 9-10 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ने और लगातार नवाचार करने की जरूरत है.

Read Also: India Export Data: लाल सागर में समस्या के बाद भी बढ़ा भारत का निर्यात, व्यापार घाटा नौ माह के निचले स्तर पर पहुंचा

साल 2047 तक बनेंगे तीसरी अर्थव्यवस्था


अमिताभ कांत ने रविवार को कहा कि ऐसा करके हम 2047 तक 35,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. कांत ने टेक एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन मुंबई (टीईएएम) के कार्यक्रम ‘मुंबई टेक वीक’ (एमटीडब्ल्यू) के एक सत्र में कहा कि हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और 2027 तक हम जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. हमारा लक्ष्य है कि 2047 में जब आजादी के सौ साल पूरे होंगे, तब तक भारत 35,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाए.

तकनीकी रुप से आगे बढ़ रहा भारत


अमिताभ कांत ने कहा कि इसका मतलब है 2047 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने कहा कि 35,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का मतलब है कि हमें करीब तीन दशकों तक 9-10 फीसदी की सालाना वृद्धि की जरूरत है और इसका मतलब है कि हमें लगातार नवाचार करने की जरूरत है. भारत ने 1.4 अरब लोगों की डिजिटल पहचान बनाई और तकनीकी रूप से देश बहुत आगे बढ़ गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version