कोरोना महामारी में भारत के किसानों ने दिखाया दम, इंडिया रेटिंग ने अपनी रिपोर्ट में कही ये बात

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि कोरोना महामारी और खासकर लॉकडाउन के दौरान भारत के किसानों ने पूरे दमखम के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है. इसी का नतीजा है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. ऐसे में, चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, उद्योग और सेवा क्षेत्र में क्रमश: 10.3 और 9.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है.

By Agency | December 24, 2020 5:55 PM

मुंबई : रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि कोरोना महामारी और खासकर लॉकडाउन के दौरान भारत के किसानों ने पूरे दमखम के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है. इसी का नतीजा है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. ऐसे में, चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, उद्योग और सेवा क्षेत्र में क्रमश: 10.3 और 9.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है.

जीडीपी गिरावट का अनुमान घटाया

इंडिया रेटिंग्स ने दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर सुधार के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट के अपने अनुमान को घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले, रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 11.8 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था. इसके साथ ही, इंडिया रेटिंग्स ने सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में आए सुधार के टिकाऊ होने पर सवाल भी उठाया है.

कोरोना से पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में जोरदार गिरावट

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की जबरदस्त गिरावट आई थी. हालांकि, दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा और जीडीपी में गिरावट घटकर 7.5 फीसदी रह गई.

महामारी और लॉकडाउन में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर

इंडिया रेटिंग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी और लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. ऐसे में, चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, उद्योग और सेवा क्षेत्र में क्रमश: 10.3 और 9.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है.

त्योहारी सीजन में हुआ आर्थिक सुधार

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रमुख वजह त्योहारी और दबी मांग थी. इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि महामारी से जुड़ी चुनौतियों की वजह से जो अड़चनें आ रही हैं, वे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम से पहले दूर नहीं होंगी. हालांकि, आर्थिक गतिविधियों ने अब इसके साथ रहना सीख लिया है और वे तेजी से नई वास्तविकता के साथ सामंजस्य बैठा रही हैं.

तीसरी तिमाही में 0.8 फीसदी गिरावट का अनुमान

इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में 0.8 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है, जबकि जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था 0.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगी. इससे पहले, अर्थव्यवस्था में 2021-22 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ही सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने का अनुमान लगाया गया था.

चालू वित्त वर्ष में 7.8 फीसदी गिरावट का अनुमान

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इसी के अनुरूप उसका अनुमान है कि चालू वित्त में जीडीपी में 7.8 फीसदी की गिरावट आएगी. पहले उसने जीडीपी में 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था. इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष के कमजोर तुलनात्मक आधार प्रभाव की वजह से 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगी.

Also Read: कोविड काल के दौरान एक करोड़ नये किसानों को दिया गया केसीसी का लाभ, कृषि क्षेत्र में हुए कुछ सुधार, भविष्य में और होंगे

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version