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भारतीय फूड उत्पाद को ग्लोबल बनाने की पहल, 10,900 करोड़ रुपये की मिलेगी सब्सिडी, जानिए किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा

देश में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने और भारतीय ब्रांड की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के लिए 10 हजार 900 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का फैसला लिया गया. यह सब्सिडी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआइ) योजना के तहत दी जायेगी.

  • 10 हजार 900 करोड़ रुपये की सब्सिडी

  • 2.5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

  • किसानों को भी होगा लाभ

देश में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने और भारतीय ब्रांड की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के लिए 10 हजार 900 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का फैसला लिया गया. यह सब्सिडी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआइ) योजना के तहत दी जायेगी. इसका मकसद देश को ग्लोबल फूड मैन्युफैक्चरिंग हब के ताैर पर विकसित करना है, ताकि देश के कुछ चुनिंदा फूड उत्पादों की धमक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ सके.

सरकार के इस फैसले से रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. इस योजना के तहत चार प्रमुख क्षेत्रों रेडी टू कुक एंड रेडी टू इट, फल और सब्जी, समुद्री उत्पाद और मोजेरेला चीज को सब्सिडी देने में प्राथमिकता दी जायेगी. इसके अलावा आॅर्गेनिक उत्पाद जैसे अंडे, पॉल्ट्री उत्पाद, मांस को भी शामिल किया गया है.

इस योजना का लाभ लेने के लिए फूड प्रोसेसिंग में निवेश की योजना और मौजूदा वित्त वर्ष में किया गया निवेश का ब्योरा देना होगा. यह योजना वर्ष 2021-22 से 2026-27 तक लागू रहेगी. कैबिनेट के बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि यह फैसला बेहतर परिणाम लायेगा और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भारतीय ब्रांड बनाने व आगे बढ़ाने के साथ रोजगार भी बढ़ेगी.

2.5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, किसानों को भी होगा लाभ : केंद्रीय काॅमर्स एवं इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले से लगभग 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. यह फैसला किसानों को भी लाभ पहुंचायेगा, क्योंकि यह योजना कृषि कानून की अगली कड़ी है. सरकार किसान हित में कई फैसले ले रही है और यह फैसला भी किसानों के हित को ध्यान में रखकर लिया गया है. जब भारतीय उत्पाद दुनियाभर में पहुंचेंगे, तो यहां के किसानों को भी लाभ मिलेगा.

इस योजना के तहत समुद्री उत्पाद को भी शामिल किया गया है. इससे मत्स्य उद्योग को भी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारत तीन लाख करोड़ रुपये का कृषि आधारित उत्पाद का निर्यात करता है और इसे छह लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इससेे 30-35 हजार करोड़ रुपये का निर्यात बढ़ने की उम्मीद है.

पूरे देश में लागू होगी योजना : यह योजना पूरे देश में लागू होगी और इसे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी के जरिये लागू किया जायेगा. एजेंसी ही आवेदन, योग्यता संबंधी मापदंडों की जांच करेगी और सब्सिडी देने का काम करेगी. इस योजना की निगरानी कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति करेगी.

विदेशी निवेश में होगी बढ़ोतरी: सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बजट में सरकार ने 12-13 क्षेत्रों के लिए पीएलआइ योजना लाने की बात कही थी. छह क्षेत्रों के लिए पहले ही पीएलआई की घोषणा की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इस घोषणा से विदेशी निवेश में बढ़ोतरी होगी.

Posted by: Pritish Sahay

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