IPL 2020: आईपीएल का नया स्पॉन्सर कौन? आज हो सकता है ऐलान, टाटा के चांस ज्यादा, पंतजलि ने खुद को अलग किया
IPL 2020, Indian premier league, IPL sponsor: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण से ठीक पहले बीसीसीआई ने चीनी कंपनी वीवो से करार तोड़ लिया. अब दुनिया भर की निगाहें आईपीएल के नए टाटइल स्पॉन्सर पर टिकी हुईं हैं जिसका ऐलान आज हो सकता है. दावेदारी की दौड़ में टाटा संस कंपनी सबसे आगे मानी जा रही है, जबकि पतंजलि आयुर्वेद रेस से बाहर हो गई है.
IPL 2020, Indian premier league, IPL sponsor: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण से ठीक पहले बीसीसीआई ने चीनी कंपनी वीवो से करार तोड़ लिया. अब दुनिया भर की निगाहें आईपीएल के नए टाटइल स्पॉन्सर पर टिकी हुईं हैं जिसका ऐलान आज हो सकता है. दावेदारी की दौड़ में टाटा संस कंपनी सबसे आगे मानी जा रही है, जबकि पतंजलि आयुर्वेद रेस से बाहर हो गई है. हालांकि, उसे भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
इनके अलावा रिलायंस जियो, बायजू, अन-एकेडमी, और ड्रीम इलेवन जैसी कंपनियां भी रेस में हैं. बीसीसीआई के पास कंपनियां अपनी बोली जमा करवाएंगी जिसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा. टाटा संस के आने के बाद यह मामला दिलचस्प हो गया है.
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बता दें कि नई कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साढ़े चार माह( 18 अगस्त से 31 दिसंबर 2020) तक के लिए ही रहेगा. इस बार कोरोना संकट के कारण आईपीएल 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई के शारजाह, दुबई और अबुधाबी में होगा. यह टूर्नामेंट पूरी तरह से बायो-सिक्योर माहौल में होगा.
टाटा संस को मिलेगा देसी ब्रांड का फायदा
बीसीसीआई ने स्पॉन्सरशिप के लिए पहले ही उन कंपनियों को दावा करने के लिए कहा था जिनका टर्नओवर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा हो. हालांकि बायजूज और अनअकैडमी रकम देने के लिए तैयार हैं लेकिन टाटा संस को इस दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है. क्योंकि वह पूरी तरह से एक देसी ब्रांड है. खबरों के मुताबिक, वीवो के चीनी कंपनी होने के चलते हुए विवाद के बाद बोर्ड किसी तरह का कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता.
पतंजलि की दावेदारी से इनकार
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए बाबा रामदेव का कहना है कि पतंजलि कंपनी तभी आईपीएल स्पॉन्सरशिप के लिए आगे आएगी, जब कोई दूसरी भारतीय कंपनी आगे नहीं आती है. उन्होंने इस दावे का खंडन किया कि पतंजलि ने स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगाई है.
बीसीसीआई नुकसान उठाने को तैयार
बीसीसीआई ने भारतीय मूल की कंपनियों को लुभाने के लिए स्पॉन्सरशिप की रकम को पहले की तुलना में कम कर दिया है. पहले यह रकम 440 करोड़ रुपए सालाना थी, लेकिन बोर्ड ने इसको अब 300 से 350 करोड़ रुपए सालाना कर दिया है. पिछले हफ्ते टाइटल प्रायोजकों को आमंत्रित करने के समय, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि वीवो 440 करोड़ रूपये का भुगतान करता आ रहा था जिसमें से हम 30 से 40 प्रतिशत की छूट दे सकते हैं.
Posted By: Utpal kant
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