Indian Railway, IRCTC News: अगर आप रेलवे से ट्रेवल करने जा रहे हैं, और कंबल-चादर के कारण लगेज का बोझ ज्यादा हो गया है तो अब आपकी चिंता खत्म. क्योंकि अब ट्रेनों में चादर और कंबल ले जाने का झंझट नहीं रहा. पहले की तरह रेलवे आपको कंबल चादर की सुविधा देगा. बता दें, कोरोना महामारी के कारण बीते करीब दो सालों से रेलवे ने एसी कोच में तकिया, चादर, तौलिया, कंबल और पर्दों की सेवा बंद कर दी थी.
लेकिन इन दिनों कोरोना के मामलों में आ रही गिरावट और देश की एक बड़ी आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज दिए जाने के बाद यह सुविधा रेलवे ने दोबारा बहाल कर दी है. नॉर्दन रेलवे ने इस सुविधा को दोबारा बहाल करने का निर्देश भी दे दिया है. पहले कुछ ट्रेनों में 1 अप्रैल से यह सुविधा दी जाएगी. रेलवे के मुताबिक, 5 अप्रैल के बाद के सभी ट्रेनों में यह सुविधा देने पर रेलवे विचार कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल से केरल संपर्क क्रांति एक्सप्रेस और कालका-कटरा एक्सप्रेस में कंबल मिलने शुरू हो जाएंगे. दो अप्रेल से हरिहर एक्सप्रेस और नौचंदी एक्सप्रेस में कंबल और चादर मिलने शुरू हो जाएंगे. जबकि पोचंडीगढ़ व बांद्रा एक्सप्रेस और
कालका शिरडी एक्सप्रेस में तीन अप्रैल से मिलने लगेंगे. 5 अप्रैल से चंडीगढ़ कोच्चि वेली एक्सप्रेस में ये सुविधा दी जाएगी.
लोगों को होती थी काफी परेशानी: कोरोना काल में यात्रा करने वाले लोगों को ट्रेनों में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस दौरान रेलवे की ओर से दी जाने वाली कंबल, चादर, तकिया, पर्दा की सुविधा बंद कर दी गई थी. हालांकि रेलवे ने इसके बदले कुछ रेलवे स्टेशनों पर बेडरोल के लिए कियोस्क लगाए थे, जिसमें कियोस्क किट उपलब्ध कराये जाते थे. जहां लोग अपनी जरूरत के हिसाब से डिस्पोजेबल चादर, तकिए और कंबल खरीद सकते थे. लेकिन उसके लिए यात्रियों के अलग से शुल्क देना पड़ता था, जो जेब पर अतिरिक्त भार था.
कितना लिया जाता था शुल्क: जो यात्री यात्रा के दौरान रेलवे से कंबल चादर की डिस्पोजल किट लेते थे. उन्हें उसके लिए 300 रुपये का अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता था. इसके अलावा अलावा अगर कोई यात्री सिर्फ कंबल की मांग करता था तो उसके लिए उसे 150 रुपये अतिरिक्त देने होते थे. लेकिन रेलवे की ओर से अब एक बार फिर इस सुविधा को शुरू कर देने से यात्री राहत की सांस ले रहे हैं.
Posted by: Pritish Sahay
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