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Indian Railway News/IRCTC: ट्रेन की बोगी में मंदिर, जानें इसमें यात्रियों के लिए और क्‍या होगी खास सुविधा

Indian Railway News/IRCTC: मंत्री ने कहा कि सात दिवसीय दौरे में 4,161 किलोमीटर लंबा मार्ग शामिल होगा. ट्रेन में 14 कोच हैं जिनमें 11 कोच यात्रा के लिए हैं और प्रत्येक कोच राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों का प्रतिनिधित्व करता है. लोगों की पूजा-अर्चना के लिए एक बोगी को मंदिर में तब्दील कर दिया गया है.

By Agency | July 12, 2022 8:57 AM

Indian Railway News/IRCTC : बेंगलुरु-वाराणसी ‘भारत गौरव’ तीर्थयात्री ट्रेन अगले महीने से पटरी पर दौड़ने लगेगी. इस बात की जानकारी कर्नाटक की मंत्री शशिकला जोले ने दी है. उन्होंने कहा है कि ‘भारत गौरव’ तीर्थयात्रा ट्रेन अगस्त के अंतिम सप्ताह में बेंगलुरु से वाराणसी के लिए रवाना होगी. धार्मिक बंदोबस्ती, हज और वक्फ विभाग का जिम्मा संभालने वाली जोले ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए रियायती दरों पर सात दिवसीय यात्रा कार्यक्रम में वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज सहित पवित्र स्थानों को शामिल किया जाएगा.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह विचार दिया

कर्नाटक की मंत्री शशिकला जोले ने आगे कहा कि अधिकांश लोगों की इच्छा रहती है कि जीवन में कम से कम एक बार काशी यात्रा (वाराणसी तीर्थयात्रा) की जाए. ऐसा कार्यक्रम शुरू करने की मेरी इच्छा थी, जो अब पूरी हो गयी है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह विचार दिया था और उन्होंने हर तरह का सहयोग दिया.

‘भारत गौरव’ ट्रेन सेवा प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य

कर्नाटक की मंत्री शशिकला जोले ने कहा कि धार्मिक बंदोबस्ती विभाग द्वारा तीर्थयात्रा पैकेज तैयार करने के साथ कर्नाटक कम कीमत पर ‘भारत गौरव’ ट्रेन सेवा प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है. जोले ने कहा कि ट्रेनों के संशोधन और रेलवे अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा के लिए तैयारी की गयी है. ट्रेन को एक करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देकर किराए पर लिया गया है.

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क्‍या होगा खास यात्रा के दौरान

मंत्री ने कहा कि सात दिवसीय दौरे में 4,161 किलोमीटर लंबा मार्ग शामिल होगा. ट्रेन में 14 कोच हैं जिनमें 11 कोच यात्रा के लिए हैं और प्रत्येक कोच राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों का प्रतिनिधित्व करता है. लोगों की पूजा-अर्चना के लिए एक बोगी को मंदिर में तब्दील कर दिया गया है. रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी द्वारा तीर्थ केंद्रों के पास भोजन, पानी, आवास और स्थानीय परिवहन की व्यवस्था की गयी है. सात दिवसीय दौरे की लागत 15,000 रुपये है, जिसमें कर्नाटक सरकार 5,000 रुपये की सब्सिडी देगी.

भाषा इनपुट के साथ

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