Indian Railway Rule: ट्रेन के सफर के दौरान कई अनुभव होते हैं. लंबी दूरी का सफर तो भारत की संस्कृतियों कई झलक दे जाता है. ऐसे में कई बार हम अनजान लोग से भी मिलते हैं, ऐसे में कई बार सामानों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती के तौर पर सामने आती है. आज हम आपको रेलवे के एक ऐसे नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी जानकारी हर रेल यात्री को होनी चाहिए. दरअसल सफर के दौरान यात्रियों की समस्या को देखते हुए सामान चोरी होने या गुम होने पर मुआवजा रेलवे के तरफ दिया जाने का नियम है. इसके लिए यात्री शिकायत उपभोक्ता फोरम में भी जा सकते हैं या रेलवे को इसकी शिकायत कर सकते हैं.
दरअसल सफर के दौरान सामानों की चोरी होने की यात्रियों की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार अगर यात्रा के दौरान किसी यात्री का सामान चोरी होता है तो इसके लिए वह आरपीएफ (रेलवे पुलिस फोर्स) में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इस दौरान उसे एक आवेदन या फॉर्म भरने को कहा जाएगा. इसमें साफ शब्दों में लिखा होता है कि अगर यात्री का सामान 6 महीने के भीतर नहीं मिलता है तो यात्री को हक होगा कि वह उपभोक्ता फोरम में जा सकता है. जिसके बाद यात्री को हुए नुकसान के हिसाब से रेलवे यात्री को मुआवजा प्रदान करेगा.
Also Read: Weather Forecast: अलाव का कर लें इंतजाम, पारा और लुढ़कने के आसार, झारखंड-बिहार में चल रही बर्फीली हवाएं
वहीं, आपको बता दें कि अगर आप बिना कन्फर्म टिकट के रेल से यात्रा कर रहे हैं तो आप आरक्षित कोच में सफर नहीं कर सकते हैं. अगर कोई यात्री ऐसा करते पकड़ा जाता है तो उसे 250 रूपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. वहीं, जुर्माना भरने में समर्थ नहीं होने पर यात्री को किसी भी स्टेशन पर उतारा भी जा सकता है. हालांकि अगर 4 लोग सफर कर रहे हो औऱ दो के पास कंफर्म टिकट है . तो चार लोग आरक्षित सीट पर बैठ सकते हैं लेकिन इसके लिए पहले TTE को इसकी जानकारी देनी आवश्यक होगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.