Indian Railways : ट्रेन में 7 तरीकों की होती है वेटिंग लिस्ट, जानें कौन सा टिकट पहले होगा कन्फर्म

रेलवे की भाषा में जानें, तो वेटिंग लिस्ट का मतलब यह है कि 'आपसे पहले भी कुछ लोग कतार में हैं और जब उनका टिकट कन्फर्म हो जाएगा, तब सीट खाली रहने पर आपको सीट उपलब्ध कराई जाएगी.' किसी ट्रेन की किसी भी आरक्षित श्रेणी के टिकट में वेटिंग लिस्ट लंबी होती है, तो टिकट कन्फर्म होने में परेशानी होती है.

By KumarVishwat Sen | January 18, 2023 12:34 PM

Indian Railway News : अगर आप ट्रेन के यात्री हैं या फिर रेलगाड़ी से कहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो टिकट बुकिंग करवाने से पहले कुछ चीजों की जानकारी रख लेना जरूरी है. किसी को ट्रेन का टिकट कन्फर्म मिल जाता है, तो उनके लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जिन्हें वेटिंग लिस्ट में शामिल कर दिया जाता है, उनकी चिंताएं बढ़ जाती हैं. हालांकि, वेटिंग लिस्ट मिलने के बाद भी घबराने की जरूरत नहीं है. बशर्ते कि आपको उसके बारे में जानकारी हो. आपको बता दें कि भारतीय रेलवे के टिकटों में वेटिंग लिस्ट 7 प्रकार की होती है. इन 7 प्रकार की लिस्ट में वेटिंग लिस्ट 5 तरह की होती है. इसके बाद 2 प्रकार के टिकट होते हैं. टिकट के इन दो प्रकारों को भी आम यात्री वेटिंग लिस्ट में ही शामिल कर लेते हैं.

वेटिंग लिस्ट क्या है

रेलवे की भाषा में जानें, तो वेटिंग लिस्ट का मतलब यह है कि ‘आपसे पहले भी कुछ लोग कतार में हैं और जब उनका टिकट कन्फर्म हो जाएगा, तब सीट खाली रहने पर आपको सीट उपलब्ध कराई जाएगी.’ किसी ट्रेन की किसी भी आरक्षित श्रेणी के टिकट में वेटिंग लिस्ट लंबी होती है, तो टिकट कन्फर्म होना या फिर कन्फर्म टिकट मिलने में परेशानी होती है. वहीं, जब वेटिंग लिस्ट में यात्रियों की संख्या कम होती है, तो कन्फर्म टिकट मिलने या टिकट को कन्फर्म होने में देर नहीं लगती. यहां पर एक दिक्कत और है कि विभिन्न प्रकार की वेटिंग लिस्ट यह तय करती है कि कौन सा टिकट पहले कन्फर्म होगा और कौन नहीं?

वेटिंग लिस्ट के 7 प्रकार

  • जीएनडब्ल्यूएल (GNWL) : जीएनडब्ल्यूएल का फुलफार्म ‘जनरल वेटिंग लिस्ट’ होता है. ट्रेन की वेटिंग लिस्ट वाले टिकट पर जब जीएनडब्ल्यूएल लिखा होता है, तो इसका अर्थ यह हुआ कि जिस ट्रेन से आप यात्रा करना चाहते हैं, उस ट्रेन का कोई कन्फर्म टिकट लेने वाला यात्री अपना टिकट कैंसिल कराएगा, तो आपको उसकी सीट दे दी जाएगी. इसमें शर्त यह है कि आपसे पहले कोई दूसरा व्यवक्ति वेटिंग लिस्ट में न हो.

  • टीक्यूडब्ल्यूएल (TQWL) : टीक्यूडब्ल्यूएल का फुलफॉर्म ‘तत्काल वेटिंग लिस्ट’ होता है. तत्काल टिकट में वेटिंग लिस्ट को कन्फर्म होने की संभावना न के बराबर होती है.

  • पीक्यूडब्ल्यूएल (PQWL) : पीक्यूडब्ल्यूएल का मतलब पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट है. इस प्रकार की वेटिंग लिस्ट जनरल वेटिंग लिस्ट से अलग होती है. इसमें वह यात्री डाले जाते हैं, जो शुरुआती और अंतिम स्टेशन के बीच में चढ़ने-उतरने वाले होते हैं. मान लीजिए दिल्ली से कोलकाता जाने वाली किसी ट्रेन में कोई यात्री लखनऊ से चढ़कर पटना उतर जाएगा, तो ऐसी स्थिति में दिल्ली से लखनऊ तक और फिर पटना से कोलकाता जाने वाले यात्री को लखनऊ से पटना उतरने वाले यात्री की सीट पर दो यात्रियों के टिकट को कन्फर्म कर दिया जाएगा. इसे पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट कहते हैं.

  • आरएलडब्ल्यूएल (RLWL) : आरएलडब्ल्यूएल का अर्थ रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट है. छोटे स्टेशनों को ट्रेन में सीट का कोटा मिलता है. ये स्टेशन दूर-दराज के इलाकों में होते हैं और वहां से ट्रेन पकड़ने वाले इस लिस्ट में डाले जाते हैं. इसके कंफर्म होने की संभावना काफी अधिक होती है.

  • आरएसडब्ल्यूएल (RSWL) : आरएसडब्ल्यूएल का मतलब रोड साइड वेटिंग लिस्ट होता है. ऐसी वेटिंग लिस्ट जो ट्रेन के शुरुआत वाले स्टेशन से मिलती है. जैसे, नई दिल्ली-रांची राजधानी में दिल्ली से ट्रेन में चढ़ने वाले यात्री को वेटिंग लिस्ट में डाला जाएगा.

  • एनओएसबी (NOSB) : एनओएसबी का अर्थ नो सीट बर्थ है. ये दरअसल वेटिंग लिस्ट नहीं है. ये टिकट का एक टाइप है, जिसमें 12 साल से कम उम्र के बच्चों को आधा किराया लेकर सफर करने की अनुमति मिलती है. हालांकि, इसमें सीट नहीं दी जाती है.

Also Read: कोलकाता से उत्तर भारत की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट, क्या रेलवे चलायेगा विशेष ट्रेन?

  • आरएसी (RAC) : आरएसी का फुलफॉर्म रिजर्वेशन अंगेस्ट कैंसिलेशन होता है. इसमें एक ही सीट पर दो यात्रियों को एडजस्ट किया जाता है. आधी सीट एक यात्री को और आधी सीट दूसरे यात्री को दी जाती हे. जैसे ही कोई कन्फर्म टिकट कैंसिल होती है, सबसे पहले इन्हीं लोगों की टिकट कन्फर्म की जाती है और फिर पूरी सीट दे दी जाती है. इसके कन्फर्म होने की संभावना सबसे अधिक होती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version