जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा भारतीय रेलवे, 9 साल में 37011 किमी मार्ग का किया विद्युतीकरण
भारतीय रेलवे की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वर्ष 1947 में देश की आजादी से 2014 तक सिर्फ 21413 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया गया था. पिछले नौ वर्षों में देश में विद्युतीकरण की रफ्तार में भारी उछाल आया और सिर्फ पिछले नौ साल में रिकॉर्ड 37,011 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो गया.
नई दिल्ली : जलवायु परिवर्तन के बीच पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय रेलवे मजबूती के साथ प्रयास कर रहा है. देश में जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में रेलवे की ओर से तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं और विभिन्न रूटों पर रेल पटरियों का विद्युतीकरण की प्रक्रिया तीव्र कर दी गई है. मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रेलवे ने पिछले नौ साल में 37,011 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया है. भारतीय रेलवे की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वर्ष 1947 में देश की आजादी से 2014 तक सिर्फ 21,413 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया गया था.
90 फीसदी रेलमार्गों का हो चुका है विद्युतीकरण
भारतीय रेलवे ने कहा कि हालांकि, पिछले नौ वर्षों में देश में विद्युतीकरण की रफ्तार में भारी उछाल दर्ज किया गया है और सिर्फ पिछले नौ साल में रिकॉर्ड 37,011 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो गया. इसके साथ ही भारतीय रेल में कुल 58,424 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है, जो कुल रेलमार्ग का 90 फीसदी है. भारतीय रेल ने कहा कि कुल विद्युतीकृत रेल मार्ग में से लगभग 50 फीसदी सिर्फ पिछले पांच वर्षों में पूरा हुआ है.
हरित रेलवे के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे कदम
भारतीय रेलवे ने 2030 तक शुद्ध रूप से जीरो कार्बन उत्सर्जन के साथ सबसे बड़ा हरित रेलवे बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही 100 फीसदी रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है, जो लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में रेलवे का एक बेहद मजबूत कदम है. उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि 2030 तक हरित रेलवे के लक्ष्य को हर हाल में हासिल कर लिया जाएगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.