पहली बार रेलवे को मिला स्वदेश निर्मित अल्युमीनियम मालवाहक रेक, जानें इसकी खासियत

मालवाहक रेक को बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और अल्युमीनियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंडाल्को ने तैयार किया है. यह रेक पहले की तुलना में हल्का है, लेकिन इसकी क्षमता अधिक माल ढुलाई की है. रेलवे के अनुसार, यह रेक मौजूदा स्टील रेक की तुलना में 180 टन हल्का है.

By ArbindKumar Mishra | October 16, 2022 10:07 PM

रेलवे को पहली बार स्वदेशी निर्मित अल्युमीनियम मालवाहक रेक मिला है. जिसे ओडिशा के भुवनेश्वर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. आइये इसकी खासियत के बारे में जानें.

पहले की तुलना में हल्का, माल ढुलाई की क्षमता अधिक

यह रेक पहले की तुलना में हल्का है, लेकिन इसकी क्षमता अधिक माल ढुलाई की है. रेलवे के अनुसार, यह रेक मौजूदा स्टील रेक की तुलना में 180 टन हल्का है, जिसके परिणामस्वरूप समान दूरी के लिए गति में वृद्धि तो होती ही है, बिजली की खपत भी कम होती है. यह पारंपरिक रेक की तुलना में प्रति ट्रिप 180 टन अतिरिक्त पेलोड ले जा सकता है.

Also Read: कुर्ला स्टेशन के अंदर चला रहा था ऑटो, वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे ने लिया यह एक्शन

रखरखाव की लागत कम

कटाव प्रतिरोधी होने के कारण, इसके रखरखाव की लागत कम होगी. रेलवे ने कहा कि नये रेक का रीसेल वैल्यू 80 प्रतिशत है और सामान्य रेक की तुलना में यह 10 साल अधिक चलता है, हालांकि, इसकी विनिर्माण लागत 35 प्रतिशत अधिक है, क्योंकि ऊपरी ढांचा पूर्ण रूप से अल्युमीनियम की होती है.

आठ से 10 टन कार्बन उत्सर्जन में आयेगी कमी

इस रेक के कारण इसके सेवाकाल के दौरान आठ से 10 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी यानी केवल एक रेक के वैगन से कार्बन उत्सर्जन में कुल 14,500 टन की कमी आयेगी. रेली मंत्री ने कहा, इन वैगन से कार्बन उत्सर्जन में 14500 टन की कमी आयेगी. ये क्षरण रोधी वैगन कम ऊर्जा खपत करते हैं, लेकिन इनकी माल ढोने की क्षमता अधिक है. ये शतप्रतिशत रिसाइकिल करने योग्य हैं और ये वैगन 30 साल बाद भी यथावत बने रहेंगे. ये वैगन जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में हमें सक्षम बनाएंगे.

बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और हिंडाल्को ने तैयार किया नया वैगन

मालवाहक रेक को बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और अल्युमीनियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंडाल्को ने तैयार किया है. हिंडाल्को ने बताया, रेलवे आगामी सालों में एक लाख वैगन शामिल करने की योजना बना रहा है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में सालाना 25 लाख टन की कमी आयेगी. हिंडाल्को के मुताबिक मालगाड़ी के इस नये रेक से एक बार में 180 टन अधिक भार की ढुलाई की जा सकेगी और इसके क्षरण रोधी होने से रखरखाव खर्च में कमी आयेगी. कंपनी ने कहा कि इस वैगन के विनिर्माण में कहीं भी वेल्डिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

Next Article

Exit mobile version