ट्रेन में सवार होने के पहले बैग सैनिटाइजेशन फीस वसूल रहा रेलवे, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रसीद

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर बुधवार को एक ब्लॉगर अमित मिश्रा ने अपने अकाउंट से मथुरा के रेलवे स्टेशन पर वसूली जा रही बैग सैनिटाइजिंग फीस वाली रसीद की तस्वीर ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है,'मथुरा रेलवे स्टेशन पर हर बैग पर 10 रुपये का चार्ज है. यानी आपदा में कमाई के अवसर.'

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2021 1:43 PM

नई दिल्ली/लखनऊ/रायपुर : अगर आप ट्रेन में सवार होकर अपने गंतव्य तक जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए हैं, तो बैग सैनिटाइज कराने के लिए आप अपनी जेब में अलग से पैसे जरूर रख लें. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इस कोरोना महामारी के समय में स्टेशनों पर बैग सैनिटाइज कराने के बदले 10 रुपये प्रति बैग की दर से फीस की वसूली की जा रही है. इस समय सोशल मीडिया पर रेलवे की ओर से वसूली जाने वाली बैग सैनिटाइजिंग फीस वाली रसीद वायरल हो रही है.

माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर बुधवार को एक ब्लॉगर अमित मिश्रा ने अपने अकाउंट से मथुरा के रेलवे स्टेशन पर वसूली जा रही बैग सैनिटाइजिंग फीस वाली रसीद की तस्वीर ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है,’मथुरा रेलवे स्टेशन पर हर बैग पर 10 रुपये का चार्ज है. यानी आपदा में कमाई के अवसर.’

खबर यह भी है कि रेलवे की ओर से बैग सैनिटाइज कराने के लिए भले ही प्रति बैग 10 रुपये निर्धारित किया गया हो, लेकिन देश के कई रेलवे स्टेशनों पर इसके नाम पर जोरदार कमाई की जा रही है. हिंदी के अखबार पत्रिका की वेबसाइट पर बीते 18 फरवरी 2021 को प्रकाशित समाचार के अनुसार, रेलवे स्टेशनों पर बैग सैनिटाइज करने के नाम पर सवारियों से 30 से 40 तक वसूले जा रहे हैं.

आलम यह कि रेलवे स्टेशनों पर सवारियों के ऊपर दबाव बनाकर टिफिन और पानी वाले झोले तक का सैनिटाइज के नाम पर 10-10 रुपये वसूले जा रहे हैं. खबर में इस बात का जिक्र किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति ट्रेन के जरिए रायपुर से दुर्ग जाता है, तो उसे लोकल ट्रेन में किराए के तौर पर 10 रुपये की जगह 30 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है. इसके अलावा, उसके पास अगर एक बड़ा और दो छोटे बैग हैं, तो उसे सैनिटाइज कराने के नाम पर प्रति बैग 10 रुपये के हिसाब से 30 रुपये देना पड़ रहा है.

खबर के अनुसार, रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट पर प्रवेश करते ही सवारियों को प्लेटफॉर्म की तरफ तब तक नहीं बढ़ने दिया जाता, जब तक वे सभी छोटे-बड़े बैग और झोलों को सैनिटाइज नहीं करा लेते. इसके लिए उन्हें मजबूर किया जाता है. हद तो यह है कि स्टेशन प्रबंधन इस तरह के तरीके पर रोक लगाने में रुचि नहीं दिखा रहा है और न ही इसके लिए कोई निगरानी सिस्टम ही तैयार किया गया है.

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देश में केवल मथुरा, दुर्ग और रायपुर रेलवे स्टेशनों पर ही बैग सैनिटाइजेशन फीस की वसूली की जा रही है, बल्कि बिहार की राजधानी पटना, राजेंद्र नगर टर्मिनस, कानपुर, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी अनाप-शनाप पैसे की वसूली की जा रही है. ट्विटर पर एक अन्य व्यक्ति ने ट्वीट किया कि पटना में भी यही हाल है. दिसंबर में जब घर गया था, तब तो चार्ज कर रहे थे, अभी का पता नहीं.

Posted by : Vishwat Sen

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