Indian Railways: रेलवे की अलग-अलग मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का विलय करके एक कंपनी बनाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार रेलवे में कैटरिंग और रिजर्वेशन की सुविधा देने वाली कंपनियों के विलय पर विचार कर रही है. रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े दो लोगों के हवाले से बताया जा रहा है कि सरकार लोकोमोटिव और रोलिंग स्टॉक बनाने वाली रेल मंत्रालय की सभी इकाइयों को एक पीएसयू यानी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (Public Sector Undertaking) के तहत ला सकती है.
रिपोर्ट्स की मानें तो विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी का नाम इंडियन रेलवे रोलिंग स्टॉक कंपनी हो सकता है. साथ ही बताया जा रहा है कि रेलवे की अलग-अलग मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का विलय करके एक कंपनी बनाने का मकसद उन्हें ज्यादा पेशेवर बनाना है. साथ ही सोच यह भी है कि इन इकाइयों को एक इकाई के तहत एकीकृत करने से इसे आत्मनिर्भर बनाने और चीन रेलवे रोलिंग स्टॉक कॉरपोरेशन (CRRSC) की तर्ज पर सफलता हासिल करने में मदद मिलेगी. इस उपाय से नई इकाई की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सस्ती पूंजी तक पहुंच प्राप्त करने तथा परियोजनाओं के तेजी से निष्पादन की सुविधा के लिए नई इकाई की क्षमता में सुधार करते हुए प्रमुख रेलवे उपकरणों के निर्माण में अधिक लचीलापन प्रदान करने की भी उम्मीद है.
रेलवे निर्माण वर्तमान में आंतरिक व्यवस्थाओं और पूंजी के लिए केंद्र के बजटीय आवंटन पर निर्भर है. रिपोर्ट में उक्त दो लोगों के हवाले से बताया गया है कि इस मामले की एक रिपोर्ट कैबिनेट सचिवालय द्वारा तत्काल कार्रवाई के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है. प्रस्ताव को अब रेलवे द्वारा जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है और कैबिनेट की मंजूरी लेने से पहले अगले साल 2023-24 के बजट प्रस्तावों के हिस्से के रूप में घोषित किया जा सकता है. हालांकि, रिपोर्ट लिखे जाने तक वित्त और रेलवे मंत्रालयों की ओर से इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया था. बताया जा रहा है कि रेलवे निर्माण इकाइयों को एक साथ मिलाने के प्रस्ताव पर अभी भी चर्चा की जा रही है.
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