Indian Railways News: पार्सल वैन के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल लॉक, जानें क्या होंगे इसके फायदे

Indian Railways News|हावड़ा मंडल के वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक सुजीत सिन्हा ने बताया कि ओटीपी आधारित इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल लॉक ऐसा है, जो निर्धारित मोबाइल नंबर से ही खुल सकता है. इसे खोलने से पहले ओटीपी प्राप्त करना पड़ता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2023 8:21 PM

Indian Railways News: मालगाड़ियों या फिर ट्रेनों के पार्सल वैन का ताला तोड़कर माल गायब करने की घटनाएं आये दिन सुनने को मिलती हैं. इससे जहां माल बुक करने वालों को भारी नुकसान होता है, वहीं रेलवे की छवि भी धूमिल होती है. अब ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पूर्व रेलवे ने जीपीएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक लॉक सिस्टम लगाने की घोषणा की है. पूर्व रेलवे के हावड़ा मंडल में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है. 12345 हावड़ा-गुवाहाटी सरायघाट एक्सप्रेस के एक पार्सल वैन के चार दरवाजों पर जीपीएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक लॉक इंस्टॉल किया गया है.

हावड़ा मंडल के वरिष्ठ वाणिज्यिक प्रबंधक सुजीत सिन्हा ने बताया कि ओटीपी आधारित इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल लॉक ऐसा है, जो निर्धारित मोबाइल नंबर से ही खुल सकता है. इसे खोलने से पहले ओटीपी प्राप्त करना पड़ता है. प्रथम डिजिटल लॉक की निगरानी और ओटीपी प्राप्त करने का दायित्व हावड़ा स्टेशन पर चीफ पार्सल इंस्पेक्टर को दिया गया है. सरायघाट एक्सप्रेस के हावड़ा स्टेशन से रवाना होने से पहले और डाउन ट्रेन के स्टेशन पर आने के बाद चीफ पार्सल इंस्पेक्टर अपने मोबाइल से ओटीपी प्राप्त कर पार्सल बोगी को खोलेंगे.

Also Read: Indian Railways News: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, धनबाद से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द, राजधानी का रूट बदला

हावड़ा मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक सुजीत सिन्हा बताते हैं कि इसी महीने इस डिजिटल लॉक को सरायघाट में इंस्टॉल किया गया है. इसे खोलने से पहले निर्धारित मोबाइल नंबर से ओटीपी प्राप्त करना पड़ता है. सराय घाट एक्सप्रेस के पार्सल वैन को लोड कर उसे बंद कर उसे डिजिटल लॉक कर दिया जाता है.

Indian railways news: पार्सल वैन के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल लॉक, जानें क्या होंगे इसके फायदे 3

ट्रेन के गंतव्य स्टेशन गुवाहाटी पहुंचने पर वहां के अधिकृत पार्सल अधिकारी निर्धारित प्रक्रिया से ओटीपी प्राप्त कर खोलते हैं. श्री सिन्हा बताते हैं कि अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे लगाया गया है. रिपोर्ट सही रही, तो इस लॉकिंग सिस्टम को मंडल की अन्य ट्रेनों के पार्सल वैगन में भी शुरू किया जायेगा.

Also Read: Indian Railways: हटिया-गोरखपुर-हटिया का समय बदला, हटिया-टाटानगर पैसेंजर ट्रेन रात 10:30 बजे खुलेगी चलती ट्रेन में भी पार्सल की निगरानी

लॉक-अनलॉक करने में काफी कम समय लेने वाले डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक लॉक खूबियों से भरा एक असाधारण लॉक सिस्टम है. अक्सर देखा जाता है कि पार्सल बोगी या फिर पार्सल ट्रेन का ताला तोड़ कर चोर माल उड़ा ले जाते हैं. लेकिन डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक लॉक में जीपीएस चिप लगा होने से इसकी निगरानी रास्ते भर की जा सकती है. यदि कोई व्यक्ति लॉक तोड़ने का प्रयास करता है, तो संबंधित अधिकारी और पार्सल अधिकारियों को इसका अलर्ट मोबाइल पर प्राप्त हो जाता है. चोरी का स्थान और समय भी लॉक में लगे जीपीएस में दर्ज हो जाता है. इसे मोबाइल के साथ ब्लू टूथ कनेक्शन से भी चलाया जा सकता है.

Indian railways news: पार्सल वैन के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल लॉक, जानें क्या होंगे इसके फायदे 4
डिजिटल इलेक्ट्रिक लॉक की खूबियां
  • एक पार्सल वैन को लॉक व अनलॉक करने में केवल दो से तीन मिनट का समय लगता है.

  • इलेक्ट्रॉनिक अनलॉकिंग बैटरी संचालित प्रणाली है और इसकी अपेक्षित बैटरी लाइफ तीन वर्ष है. इसे बिजली से भी चलाया जा सकता है.

  • इसे मोबाइल के साथ ब्लू टूथ कनेक्शन कर भी संचालित किया जा सकता है.

  • अधिकृत अधिकारी के मोबाइल नंबर से ही इसे अनलॉक किया जा सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version