Indian Railways news : ट्रेनों में सबको मिलेगा कन्फर्म टिकट, अब इतिहास बनकर रह जाएगी वेटिंग लिस्ट!

Indian Railways/IRCTC news : भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ट्रेनों में सफर करने वाले सभी यात्रियों को अब कन्फर्म टिकट मिलेगा. अगर रेलवे की योजना सिरे चढ़ जाती है, तो देश में ट्रेनों के टिकट बुकिंग के मामले में वेटिंग लिस्ट (Waiting List) इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जाएगी. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने गुरुवार को कहा कि प्रमुख व्यस्त रूटों पर निजी ट्रेनों को संचालित करने के विचार के पीछे सभी यात्रियों को कन्फर्म टिकट मुहैया कराने के मामले में सक्षम बनाना ही मकसद है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेनों के परिचालन में निजी भागीदारी आने के बाद अतिरिक्त ट्रेनों की मांग को पूरा करने में भारतीय रेलवे को मदद मिलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2020 6:59 PM

Indian Railways/IRCTC news : भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ट्रेनों में सफर करने वाले सभी यात्रियों को अब कन्फर्म टिकट मिलेगा. अगर रेलवे की योजना सिरे चढ़ जाती है, तो देश में ट्रेनों के टिकट बुकिंग के मामले में वेटिंग लिस्ट (Waiting List) इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जाएगी. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने गुरुवार को कहा कि प्रमुख व्यस्त रूटों पर निजी ट्रेनों को संचालित करने के विचार के पीछे सभी यात्रियों को कन्फर्म टिकट मुहैया कराने के मामले में सक्षम बनाना ही मकसद है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेनों के परिचालन में निजी भागीदारी आने के बाद अतिरिक्त ट्रेनों की मांग को पूरा करने में भारतीय रेलवे को मदद मिलेगी.

रेलवे के कुल परिचालन में 5 फीसदी होगी निजी भागीदारी : रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि यात्री ट्रेनों के संचालन में निजी भागीदारी का मतलब प्रौद्योगिकी में व्यापक बदलाव लाना है. इससे ट्रेनों के संचालन की रफ्तार भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि यात्री ट्रेनों के संचालन में निजी भागीदारी रेलवे के कुल परिचालन का केवल 5 फीसदी ही होगी. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने यात्री ट्रेनों के संचालन में निजी भागीदारी पर कहा कि ट्रेन सेट निजी परिचालकों द्वारा लाए जाएंगे और वे ही उनका रखरखाव करेंगे. उन्होंने कहा कि ट्रेनों का निजी संचालन प्रक्रिया अप्रैल 2023 से शुरू होने की संभावना और इसके सभी कोच ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत खरीदे जाएंगे.

109 रूटों पर चलेंगी 151 ट्रेन : बता दें कि भारतीय रेलवे ने बुधवार को अपने नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी इकाइयों को अनुमति देने की योजना पर औपचारिक रूप से कदम उठाया. इसके तहत यात्री ट्रेनों की आवाजाही को लेकर 109 रूटों पर 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिये परिचालन के लिए पात्रता अनुरोध आमंत्रित किए गये हैं.

30 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू होगी परियोजना : इस बारे में रेलवे ने कहा कि इसमें निजी क्षेत्र से करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए यह पहला कदम है. वैसे पिछले साल भारतीय रेलवे खान-पान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के साथ इसकी शुरुआत कर दी थी.

तीन रूटों पर निजी ट्रेनों को चला रही आईआरसीटीसी : फिलहाल, आईआरसीटीसी तीन ट्रेनों (वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस, लखनऊ-नयी दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस) का परिचालन करता है. रेलवे ने कहा कि इस पहल का मकसद आधुनिक प्रौद्योगिकी वाली ट्रेनों का परिचालन है, जिसमें रखरखाव कम हो और यात्रा समय में कमी आए. इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, सुरक्षा बेहतर होगी और यात्रियों को वैश्विक स्तर का यात्रा अनुभव मिलेगा.

160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ेंगी ट्रेन : रेलवे के अनुसार, ट्रेन की शुरुआत और गंतव्य के 109 रूटों को भारतीय रेलवे नेटवर्क के 12 सर्किलों में रखा गया है. प्रत्येक ट्रेन में न्यूनतम 16 डिब्बे होंगे. इनमें से ज्यादातर आधुनिक ट्रेनों का विनिर्माण भारत में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगा और निजी इकाई उसके वित्त पोषण, खरीद, परिचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे. ट्रेनों के डिजाइन इस रूप से होंगे कि वे 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सके. इससे यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी.

35 साल के लिए होगी अवधि : रेलवे के अनुसार, परियोजना के लिए छूट की अवधि 35 साल की होगी और निजी इकाई को भारतीय रेलवे को ढुलाई शुल्क, वास्तविक खपत के आधार पर ऊर्जा शुल्क देना होगा. इसके अलावा, उन्हें पारदर्शी बोली प्रक्रिया के जरिये निर्धारित सकल राजस्व में हिस्सेदारी देनी होगी. भारतीय रेलवे से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

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रेलवे के ड्राइवर और गार्ड करेंगे निजी ट्रेनों का परिचालन : रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों का परिचालन भारतीय रेलवे के चालक और गार्ड करेंगे. निजी इकाइयों द्वारा संचालित ट्रेनें समय पर संचालित होने और पहुंचने, भरोसेमंद जैसे प्रमुख मानकों को पूरा करेंगे. उसने कहा कि यात्री ट्रेनों का परिचालन और रखरखाव का संचालन रेलवे द्वारा तय मानदंडों और जरूरतों के अनुसार होंगे. कुछ मार्गों को निजी इकाइयों को देने की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी.

निजी ट्रेनों के संचालन में इन कंपनियों की होगी भागीदारी : पहली प्रक्रिया पात्रता अनुरोध के साथ बुधवार को शुरू हुई. इसमें निजी बोलीदाता की पात्रता तय होगी. दूसरा कदम अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) होगा. राजस्व और रूटों के बारे में बाद की प्रक्रिया में निर्णय किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 संकट से पहले अडाणी पोर्ट्स और मेक माई ट्रिप और एयरलाइन में इंडिगो, विस्तार और स्पाइसजेट ने निजी ट्रेनें चलाने में में रुचि दिखायी थी.

निजी ट्रेनों में एयरोप्लेन जैसी मिलेगी सुविधा : इसके अलावा, आकर्षित होने अन्य कंपनियों में अल्सतॉम ट्रांसपोर्ट, बाम्बार्डियर, सीमेन्स एजी और मैक्वायरी जैसी विदेशी कंपनियां शामिल हैं. रेलवे के अनुसार, इन ट्रेनों में यात्रियों को एयरलाइन जैसी सेवाएं मिलेंगी. निजी इकाइयां किराया तय करने के अलावा खान-पान, साफ-सफाई और बिस्तरों की आपूर्ति यात्रियों को करेंगी.

Posted By : Vishwat Sen

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