Indian Railways News : 100 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ी मालगाड़ी, रेलवे ने फिर कायम किया रिकॉर्ड
Indian Railways, Mission Sheeghra : भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने ट्रैक पर 'शेषनाग' को सरपट दौड़ाकर इतिहास रचने के पांच दिन बाद एक और रिकॉर्ड कायम किया है. ट्रेनों के टाइम-टेबल (Time table) में बदलाव करके उसकी रफ्तार को तेज करने के लिए मंगलवार को मिशन शीघ्र (Mission Sheeghra) के तहत मालगाड़ी को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया. इस मालगाड़ी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे ट्रैक पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया गया. रेलवे के इस नये रिकॉर्ड का वीडियो रेल मंत्री पीयूष गोयल ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट भी किया है.
Indian Railways, Mission Sheeghra : भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने ट्रैक पर ‘शेषनाग’ को सरपट दौड़ाकर इतिहास रचने के पांच दिन बाद एक और रिकॉर्ड कायम किया है. ट्रेनों के टाइम-टेबल (Time table) में बदलाव करके उसकी रफ्तार को तेज करने के लिए मंगलवार को मिशन शीघ्र (Mission Sheeghra) के तहत मालगाड़ी को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया. इस मालगाड़ी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे ट्रैक पर 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलाया गया. रेलवे के इस नये रिकॉर्ड का वीडियो रेल मंत्री पीयूष गोयल ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट भी किया है.
Taking a major leap in operations, freight trains in Lucknow ran at a maximum permissible speed of 100 kmph, under ‘Mission Sheeghra’ of Railways. pic.twitter.com/ghi5VI23Zq
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 7, 2020
बता दें कि बीते गुरुवार को इंडियन रेलवे ने महाराष्ट्र के नागपुर से लेकर छत्तीसगढ़ के कोरबा के बीच करीब 2.8 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी चलाकर देश में सबसे लंबी ट्रेन चलाने का रिकॉर्ड कायम किया है. रेलवे ने एक के पीछे एक करीब चार मालगाड़ियों को लेकर ‘शेषनाग’ को तैयार किया है. ‘शेषनाग’ में कुल 251 डिब्बे जोड़े गये थे. भारतीय रेलवे से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
हालांकि, प्रायोगिक तौर पर इस ट्रेन को संचालित करने के लिए चारों मालगाड़ियों से सामान को पहले ही उतारा जा चुका था और उसके सभी डिब्बे खाली थे. पहली ट्रेन के इंजन के पीछे उसके डिब्बे थे. उनके पीछे दूसरी ट्रेन का इंजन और फिर डिब्बे लगाए गए थे. इसी प्रकार, दूसरी ट्रेन के पीछे तीसरी ट्रेन का इंजन और उसके डिब्बे और सबसे आखिर में चौथी ट्रेन का इंजन और उसके डिब्बे जोड़े गए थे. इस प्रकार सभी चारों इंजनों से ‘शेषनाग’ को तेज रफ्तार में दौड़ने की ताकत दी जा रही थी.
इसके साथ ही, रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान ‘एनाकोंडा फॉमेर्शन’ में ट्रेन चलाने का देश में पहली बार प्रयोग किया था. उसने इस ट्रेन का नाम ‘सुपर एनाकोंडा’ बीते गुरुवार को ‘शेषनाग’ 251 डिब्बों को खाली रखा गया था, वहीं करीब 2 किलोमीटर लंबे सुपर एनाकोंडा के कुल 177 डिब्बों में करीब 15,000 टन सामान लदा था. रेलवे ने ‘सुपर एनाकोंडा’ को ओडिशा के लाजकुरा से राउरकेला के बीच चलाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था. सुपर एनाकोंडा की इसकी 177 बोगियों को खींचने के लिए बिजली से संचालित होने वाले 6,000 एचपी वाले तीन इंजनों को लगाया गया था.
Posted By : Vishwat Sen
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