Indian Railways News : मालवहन (Freight) मामले में पिछले सप्ताह करीब 2.8 किलोमीटर तक लंबे शेषनाग (Sheshnag) और उसके पहले सुपर एनाकोंडा (Super Anaconda) और एनाकोंडा (Anaconda) को रेलवे ट्रैक (Railway track) पर दौड़ाने सफलता हासिल (Achieve success) करने और नया कीर्तिमान (New records) स्थापित करने वाला इंडियन रेलवे एक बार फिर एक नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुट गया है. सूत्रों की मानें, मालवहन क्षेत्र के बाद अब इंडियन रेलवे (Indian Railways) यात्री ट्रेनों (Passenger trains) की रफ्तार तेज करने के लिए एक नया प्रयोग (New experiment) कर रहा है.
अगर इस प्रयोग में वह सफल हो जाता है, तो दिल्ली-मुंबई (Delhi-Mumbai) और दिल्ली-हावड़ा (Delhi-Howrah) रूट पर शेषनाग जैसे लंबी रेलगाड़ियों करीब 130 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रैक पर सरपट दौड़ती नजर आएंगी. रेलवे के सूत्रों का कहना है कि इन दोनों व्यस्ततम रूटों पर एनाकोंडा और शेषनाग जैसी लंबी ट्रेनों को चलाने का मकसद सफर में लगने वाले वक्त को कम करना है. इसके साथ ही, इन ट्रेनों में अधिक से अधिक सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया भी जा सकता है.
बता दें कि बीते गुरुवार को इंडियन रेलवे ने महाराष्ट्र के नागपुर से लेकर छत्तीसगढ़ के कोरबा के बीच करीब 2.8 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी चलाकर देश में सबसे लंबी ट्रेन चलाने का रिकॉर्ड कायम किया है. रेलवे ने एक के पीछे एक करीब चार मालगाड़ियों को लेकर ‘शेषनाग’ को तैयार किया है. ‘शेषनाग’ में कुल 251 डिब्बे जोड़े गये थे. हालांकि, प्रायोगिक तौर पर इस ट्रेन को संचालित करने के लिए चारों मालगाड़ियों से सामान को पहले ही उतारा जा चुका था और उसके सभी डिब्बे खाली थे. पहली ट्रेन के इंजन के पीछे उसके डिब्बे थे. उनके पीछे दूसरी ट्रेन का इंजन और फिर डिब्बे लगाए गए थे. इसी प्रकार, दूसरी ट्रेन के पीछे तीसरी ट्रेन का इंजन और उसके डिब्बे और सबसे आखिर में चौथी ट्रेन का इंजन और उसके डिब्बे जोड़े गए थे. इस प्रकार सभी चारों इंजनों से ‘शेषनाग’ को तेज रफ्तार में दौड़ने की ताकत दी जा रही थी.
इसके साथ ही, रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान ‘एनाकोंडा फॉमेर्शन’ में ट्रेन चलाने का देश में पहली बार प्रयोग किया था. उसने इस ट्रेन का नाम ‘सुपर एनाकोंडा’ बीते गुरुवार को ‘शेषनाग’ 251 डिब्बों को खाली रखा गया था, वहीं करीब 2 किलोमीटर लंबे सुपर एनाकोंडा के कुल 177 डिब्बों में करीब 15,000 टन सामान लदा था. रेलवे ने ‘सुपर एनाकोंडा’ को ओडिशा के लाजकुरा से राउरकेला के बीच चलाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था. सुपर एनाकोंडा की इसकी 177 बोगियों को खींचने के लिए बिजली से संचालित होने वाले 6,000 एचपी वाले तीन इंजनों को लगाया गया था.
इतना ही, इसी साल के अप्रैल में रेलवे ने ओडिशा के ही भिलाई से कोरबा के बीच करीब दो किलोमीटर लंबी ‘एनाकोंडा’ को दौड़ाकर पहली बार नया कीर्तिमान स्थापित किया था. इस ट्रेन में तीन मालगाड़ियों को जोड़ा गया था. दरअसल, रेलवे जिस तकनीक के जरिए इन लंबी ट्रेनों को ट्रैक पर दौड़ाने में सफलता अर्जित कर रहा है, उसे डिस्ट्रिब्यूटेड कंट्रोल सिस्टम (DPCS) कहा जाता है, जिसमें पहला इंजन पूरी ट्रेन को नियंत्रित करता है और बाकी के इंजन बोगियों को खींचने का काम करते हैं.
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Posted By : Vishwat Sen
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