Indian Railways: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे टिकट की कीमतों में रियायत बहाल करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है. ऐसे में अब वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट पर मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा. जस्टिस एसके कौल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने एमके बालाकृष्णन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की, जिसमें बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए बंद की गई रियायतों की बहाली की मांग की गई थी.
शीर्ष अदालत का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत एक याचिका में परमादेश की रिट जारी करना इस कोर्ट के लिए उचित नहीं होगा. कोर्ट ने कहा, सरकार को वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों और राजकोषीय नतीजों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर फैसला करना है. पीठ ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि बुजुर्गों को रियायतें देना राज्य का दायित्व है, केन्द्र का नहीं.
बताते चलें कि केंद्र ने 2020 में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लोगों की आवाजाही को डिस्करेज्ड करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को दी गई रियायतें बंद कर दी थीं. एक संसदीय स्थाई कमेटी ने कोरोना महामारी की शुरुआत से पहले वरिष्ठ नागरिकों को दी गई रियायतों को फिर से शुरू करने की सिफारिश की थी. इससे पहले, भारतीय रेलवे 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों को किराए में 40 फीसदी की छूट और 58 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट प्रदान करता था. ये छूट मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो समूह की ट्रेनों में सभी वर्गो के लिए दी जाती थी.
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