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Indian Railways: सभी यात्रियों को मिलेगा कंफर्म टिकट, रेलवे चलाएगी 3 हजार नई ट्रेन, जानिए सरकार का मेगा प्लान

Indian Railways: रेलवे में वर्तमान में यात्रियों की संख्या करीब 800 करोड़ है. अगले चार से पांच वर्षों में तीन हजार नई ट्रेन शुरू करने की योजना पर काम हो रहा है. इससे यात्रियों की संख्या करीब एक हजार करोड़ हो जाएगी.

By Madhuresh Narayan | November 17, 2023 11:38 AM
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Indian Railways: जल्द ही, भारतीय रेल में सफर करने वाले लोगों को बड़ी सहुलियत मिलने वाली है. रेलवे में सफर करने वाले सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट का सपना साकार होने वाला है. रेलवे जल्द ही, तीन हजार नई ट्रेन चलाने वाली है. इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है. उन्होंने बताया कि रेलवे में वर्तमान में यात्रियों की संख्या करीब 800 करोड़ है. अगले चार से पांच वर्षों में तीन हजार नई ट्रेन शुरू करने की योजना पर काम हो रहा है. इससे यात्रियों की संख्या करीब एक हजार करोड़ हो जाएगी. इसके साथ ही, रेलवे यात्रा का समय कम करने पर भी गंभीरता से काम कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेल के पास फिलहाल 69 हजार नए कोच उपलब्ध हैं. जबकि, वर्तमान क्षमता के अनुसार, हर साल पांच हजार नए कोच बनाये जा रहे हैं. रेलवे की कोशिश है कि हर साल 200 से 250 नयी ट्रेन चलायी जाए. इसके अलावे 400 से 450 वंदे भारत ट्रेन चलाने पर भी काम हो रहा है. रेल मंत्री ने बताया कि हर साल करीब पांच हजार रेलले ट्रैक बिछाए जा रहे हैं. एक हजार से अधिक फ्लाईओवर व अंडरपास को भी मंजूरी दी गयी है. इससे यात्रा सुगम और आरामदेह बनेगी.

22 डिब्बों वाली ट्रेन पर हो रहा काम

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे रेलवे एकीकृत 22 डिब्बों वाली ट्रेन बनाने पर काम कर रही है. अभी, अलग-अलग डिब्बों को जोड़कर एक ट्रेन बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि रेलवे ऐसी योजना पर कर रही है कि हम कारखानों से ट्रेन की कोच को निकालने के बजाए सीधे ट्रेन को बाहर निकालेंगे. नयी एकीकृत ट्रेन में बेहतर सुरक्षा उपाय और सुविधाजनक हैं. रेल मंत्री ने कहा कि अगर हम मोड़ और स्टेशनों पर ट्रेनों की गति बढ़ाने और कम करने के समय में सुधार कर लें तो राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर 2.20 घंटे तक बचा सकते हैं. जबकि, वंदेभारत ट्रेन की गति अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में चार गुना बेहतर है. हालांकि, सभी मार्गों पर वंदे भारत शुरू करने में समय लगेगा.

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त्योहारी सीजन में चली ज्यादा स्पेशल ट्रेन

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गैर-एसी कोच का विकल्प चुनने वाले यात्रियों के लिए सीटों की कमी की खबरों को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले साल की तुलना में इस त्यौहारी मौसम में विशेष रेलगाड़ियों के फेरों की संख्या में लगभग तीन गुना वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि इस त्यौहारी मौसम में यात्रियों की भारी संख्या को दखते हुए रेलवे द्वारा एक अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच रेलगाड़ियों के 6,754 अतिरिक्त फेरे संचालित किए जा रहे हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 2,614 थी. मंत्री ने बताया कि अब तक रेलगाड़ियों द्वारा 2,423 फेरे लगाए जा चुके हैं और आगामी दिनों में शेष फेरे लगाए जाएंगे. वैष्णव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कि हर साल हम दिवाली और छठ पर यात्रियों की व्यवस्था के लिए बेहद सुदृढ़ योजना बनाते हैं. हमने त्यौहारी मौसम की शुरुआत से तीन महीने पहले ही रिजर्वेशन और प्रतीक्षा सूची के रुझानों पर नजर रखना शुरू कर दिया था और रेलगाड़ियों के अतिरिक्त फेरों की व्यवस्था करने पर निर्णय लिया. रेलवे, योजना प्रक्रिया के दौरान पिछले साल के आंकड़ों को भी ध्यान में रखता है.

पिछले साल से दोगुनी लोगों ने की यात्रा

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन सभी कारकों से पता चला कि इस त्यौहारी मौसम में भारी भीड़ रहेगी और उसके बाद हमने उसी को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाईं. वैष्णव के मुताबिक, त्यौहारी मौसम की शुरुआत से अब तक 36 लाख लोग रेलगाड़ियों से सफर कर चुके हैं और यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है. वैष्णव ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें रेलगाड़ियों में स्लीपर कोचों की कम संख्या के कारण गैर-वातानुकूलित सीट का चयन करने वाले यात्रियों को परेशानी की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि जब से नए लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच को रेलवे में शामिल किया गया है तब से रेलगाड़ियों में कोचों की एक मानक संरचना है. वैष्णव ने कहा कि मानक संरचना के मुताबिक एक ट्रेन में आमतौर पर छह से सात स्लीपर कोच, चार सामान्य, एक या शून्य एसी प्रथम श्रेणी, एक या शून्य पेंट्री, एसी टायर2 के दो डिब्बे, एसी टायर3 कोच के छह डिब्बे, एक पावर कार और एक गार्ड कोच होता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्रेन में मानक कोच संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

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