Vande Sadharan: वंदे भारत के बाद अब आमलोगों के लिए जल्द ही रेलवे वंदे साधारण ट्रेन लाने जा रही है. इन ट्रेनों को मानक किराए के साथ आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि, इस ट्रेन के परिचालन की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
नॉन-एसी वंदे साधारण ट्रेन का उत्पादन आईसीएफ चेन्नई में शुरू हुआ है. इसकी अनुमानित लागत 65 करोड़ रुपये है. इस साल के अंत तक पहली रेक आने की उम्मीद है. इसके विपरीत, बैठने की व्यवस्था वाली पूरी तरह से एसी वंदे भारत ट्रेन का निर्माण आईसीएफ में किया जा रहा है, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपये है. भारतीय रेलवे के द्वारा इसे लेकर तैयारी जोर-शोर से की जा रही है.
वंदे साधरण ट्रेन तो तेज गति देने के लिए आगे और पीछे दोनों छोर पर दो लोकोमोटिव इंजन और 24 एलएचबी कोच लगाये जाएंगे. दो लोकोमोटिव के साथ पुश-पुल विधि का उपयोग करके, ट्रेन की गति को बढ़ाया जाएगा, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.
वंदे साधरण ट्रेन में यात्री बायो-वैक्यूम शौचालय, यात्री सूचना प्रणाली और हर सीट पर चार्जिंग पॉइंट जैसी आधुनिक सुविधा दी जानी है. यात्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हर कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अतिरिक्त, ट्रेन में वंदे भारत एक्सप्रेस की तरह स्वचालित दरवाजा प्रणाली भी होगी.
Also Read: Train एक्सीडेंट होने पर कितने लाख रुपये का मिलता है मुआवजा, जानें कैसे करें आवेदनवंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) भारत सरकार द्वारा बनाई गई है. यह भारत की पहली स्वदेशी ऊर्जा संचयित ट्रेन है और 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली रेलवे स्थल पर उद्घाटित हुई थी. यह ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलती है.
रेलवे के द्वारा जल्द ही, वंदे भारत का स्लीपर वर्जन भी चलाये जाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावे, वंदे मेट्रो पर भी तेजी से काम चल रहा है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत के स्लीपर वर्जन ट्रेन की कॉन्सेप्ट फोटो को शेयर किया है. संभावना जतायी जा रही है कि अलगे साल मार्च तक इसे लोगों के लिए शुरू किया जा सकता है. हालांकि, अभी तक इसके बारे में भी अधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में करीब 16 कोच होंगे. इसमें 11 AC 3 टियर, 4 AC 2 टियर और 1 कोच 1st AC का होगा.
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