साल 2023 में भी बेतहाशा बढ़ेगी भारतीय अमीरों की संपत्ति, 1 फीसदी के पास देश की 40 फीसदी संपत्ति
नाइट फ्रैंक में शामिल अमीरों में से करीब 47 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों का मानना है कि नए साल में उनकी संपत्ति 10 फीसदी से अधिक दर से बढ़ेगी. वहीं, 53 प्रतिशत लोगों को लगता है कि इस साल कम-से-कम 10 फीसदी जरूर बढ़ेगी.
नई दिल्ली : भारत में आर्थिक असमानता थमने का नाम नहीं ले रहा है. तमाम सर्वेक्षणों की मानें, तो भारत में 1 फीसदी ऐसे अमीर हैं, जिनके पास देश की कुल संपत्ति का करीब 40 फीसदी हिस्सा है. इसमें प्रमुख उद्योगपति गौतम अडाणी के पास इतनी अधिक संपत्ति है कि उनके अवास्तविक मुनाफे पर एकमुश्त कर निर्धारित कर दिया जाए, तो देश के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए एक साल का वेतन निकल जाएगा. अब एक नए सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह कहा जा रहा है कि वर्ष 2023 भी भारत के अमीरों के लिए कुबेर का खजाना साबित होगा. रिपोर्ट में बताया यह जा रहा है कि इस साल भारत के धनाढ्यों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी. समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल वर्ष 2022 के दौरान देश में प्रत्येक 10 में से नौ धनाढ्य व्यक्तियों की संपत्ति बढ़ी थी और 2023 में भी अत्यधिक संपन्न तबके की संपत्ति बढ़ने की उम्मीद है.
2022 में 10 से अधिक बढ़ी अमीरों की संपत्ति
संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में वैश्विक सर्वेक्षण के नतीजों के आधार पर आकलन पेश किया है. इसमें शामिल भारतीय प्रतिभागियों में से 88 फीसदी लोगों ने वर्ष 2022 में अपनी संपत्ति बढ़ने की बात कही है. अत्यधिक संपन्न लोगों के बीच कराए गए इस सर्वेक्षण के मुताबिक, भारतीय अमीरों की संपत्ति पिछले साल 10 फीसदी से अधिक बढ़ी. उन्हें वर्ष 2023 में अपनी संपत्ति में वृद्धि का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है.
2023 में 10 फीसदी से अधिक बढ़ेगी संपत्ति
नाइट फ्रैंक में शामिल अमीरों में से करीब 47 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों का मानना है कि नए साल में उनकी संपत्ति 10 फीसदी से अधिक दर से बढ़ेगी. वहीं, 53 प्रतिशत लोगों को लगता है कि इस साल कम-से-कम 10 फीसदी जरूर बढ़ेगी. इस सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि धनाढ्य भारतीयों की निवेश-योग्य संपत्ति काफी हद तक इक्विटी बाजार, रियल एस्टेट और बॉन्ड में लगी हुई है. इक्विटी निवेश 34 प्रतिशत, वाणिज्यिक परिसंपत्तियों में निवेश 25 फीसदी और बॉन्ड में निवेश 16 फीसदी है. इनके अलावा, भारतीय अमीरों का निजी इक्विटी एवं उद्यम पूंजी निवेश (10 फीसदी), सोना (छह फीसदी) और कार एवं कलात्मक कृतियों में भी निवेश (चार फीसदी) है.
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धनाढ्य लोगों की पूंजी में भी होगी बढ़ोतरी
नाइट फ्रैंक इंडिया के प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि अवसरों से भरपूर बाजार के तौर पर भारत के उभरने के साथ ही इसके आसन्न मंदी के बावजूद वृद्धि पथ पर बने रहने की उम्मीद है. ऐसे समय में भारतीय धनाढ्य लोगों की पूंजी के 2023 में भी बढ़ने की संभावना है. हालांकि, बैजल ने यह आशंका जताई कि उथल-पुथल भरे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और ऊंची ब्याज दरों का बाजार धारणा पर असर देखा जा सकता है. इसके बावजूद गुणवत्तापूर्ण आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग बनी रहने की उम्मीद है.
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