Indian Stock Market: शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए बेहतरीन और सूकून देने वाली खबर है. वह यह है कि अपना भारतीय शेयर बाजार इस वक्त देश ही नहीं, दुनिया भर के विदेशी निवेशकों के लिए भी ‘सोने पे सुहागा’ बना हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय शेयर बाजार चीन के शंघाई कंपोजिट के मुकाबले निवेशकों को कहीं बेहतर रिटर्न भी दे रहा है. यह हम नहीं, बल्कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी कह रहे हैं.
शेयर बाजार ने 5 साल में निवेशकों को दिया 15% रिटर्न
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने सोमवार को निवेशकों से कहा कि भारतीय शेयर बाजार ने पिछले 5 साल में लगातार 15% रिटर्न दिया है, जबकि चीन में यह शून्य रहा है और कई मामलों में तो गिरावट रही है. उन्होंने कम जोखिम पर अधिक रिटर्न देने वाले भारतीय बाजार को ‘सोने पे सुहागा’ बताते हुए निवेशकों के लिए सावधानी के कुछ क्षेत्रों को भी चिह्नित किया और उन्हें जोखिमों के प्रति सचेत रहने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से चीन के बाजारों के बारे में काफी चर्चा हो रही है, लेकिन पिछले 5 साल में भारतीय शेयर बाजार ने लगातार 15% सालाना का रिटर्न दिया है. वहीं चीन का बाजार इसके आसपास भी नहीं हैं. वहां रिटर्न लगभग शून्य है. वास्तव में हांगकांग जैसे कुछ मामलों में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है.
कम जोखिम में अधिक रिटर्न देता है शेयर बाजार
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में निवेशक जागरूकता सप्ताह की शुरुआत के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 भारत के लिए एक ‘उल्लेखनीय’ वर्ष रहा था. इसमें मानक सूचकांकों ने 28% का रिटर्न दिया. वहीं, बाजार के उतार-चढ़ाव को देखा जाए, तो यह केवल 10% था. उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार की स्थिति ‘सोने पे सुहागा’ वाली है, जो दुनिया में सबसे अच्छा है. यह कम जोखिम और बहुत अधिक रिटर्न देता है. हालांकि, इसके दुष्प्रभाव भी हैं.
अधिक से अधिक डीमैट अकाउंट खोलें युवा
अनंत नारायण जी ने यह साफ भी किया है कि निकट भविष्य में सब कुछ पहले जैसा नहीं रहेगा और निवेशकों को इसे एकतरफा रास्ता नहीं मानना चाहिए. इस तरह के शानदार रिटर्न से आत्मसंतुष्टि हो सकती है. उन्होंने कई युवाओं को इस तेजी का लाभ उठाने को लेकर डीमैट खाते खोलने की बात कही. उन्होंने कहा कि लोगों को जोखिमों के बारे में जागरूक होने की भी जरूरत है. उन्होंने कार का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें जोखिमों के बारे में जागरूक होने और जरूरत पड़ने पर ‘ब्रेक’ का इस्तेमाल करने की भी आवश्यकता है.
2 साल में 5 गुना बढ़े स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स
उन्होंने कहा कि छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों से जुड़ा स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स पिछले 2 साल में पांच गुना चढ़ा है. इसका कारण निवेशकों का पूंजी प्रवाह और नये शेयरों की आपूर्ति के बीच असंतुलन है. पूंजी बाजार नियामक इस असंतुलन को दूर करने के लिए यह सुनिश्चित कर रहा है कि पूंजी जुटाने की मंजूरी जल्दी दी जाए, ताकि बाजार में गुणवत्ता वाले शेयरों की आपूर्ति लगातार बनी रहे.
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बेहतर रिटर्न के लिए बाजार में बने रहने की जरूरत
उन्होंने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि दीर्घकालिक नजरिये से देश में आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए भारतीय बाजार यहां से आगे ही बढ़ेंगे. बाजार में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि निवेशकों को देश में इस अवसर को भुनाने के लिए सही मध्यस्थों की आवश्यकता है. उन्हें गैर-पंजीकृत और अत्यधिक मुनाफे का लालच देकर रातों-रात गायब होने वाली यूनिट्स के झांसे में नहीं आना चाहिए. ऐसी यूनिट्स निहित स्वार्थों से प्रेरित हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि निवेशकों को ज्यादा कारोबार यानी खरीद-बिक्री से बचना चाहिए और अधिक रिटर्न के लिए लंबे समय तक बाजार में बने रहने की जरूरत है.
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