नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के चलते घरेलू यात्रा और पर्यटन उद्योग को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है. सरकार ने भी इस महामारी की वजह से सभी वीजा निलंबित कर दिये हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अनुसार, यह भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए सबसे बुरे संकटों में से एक है. इसने घरेलू पर्यटन उद्योग के साथ-साथ पर्यटन के लिए विदेश जाने वाले लोग भी प्रभावित हुए हैं. इससे कुल मिलाकर घरेलू और विदेशी पर्यटन बाजार पर असर पड़ा है.
सीआईआई के अनुसार, पर्यटन उद्योग से जुड़े होटल, ट्रैवेल एजेंट, पर्यटन सेवा कंपनियों, रेस्तरां, पारिवारिक मनोरंजन पार्क (थीम पार्क), विरासत स्थल, क्रूज, कॉरपोरेट पर्यटन और साहसिक पर्यटन इत्यादि उद्योग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. सीआईआई की पर्यटन समिति ने कोरोना वायरस महामारी के पर्यटन उद्योग पर असर का आकलन किया है. इसके मुताबिक, अक्टूबर से मार्च के बीच भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या वार्षिक आगमन की 60-65 फीसदी होती है. भारत को विदेशी पर्यटकों से 28 अरब डॉलर से अधिक की आय होती है.
रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी की खबरें नवंबर से आना शुरू हुईं और इसके बाद यात्रा टिकटों, होटल बुकिंगों इत्यादि का रद्दी करण होना शुरू हुआ. अब मार्च में कई भारतीय पर्यटन स्थलों पर बुकिंग का रद्दीकरण 80 फीसदी के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है. सीआईआई का कहना है कि भारत सरकार के सभी वीजा रद्द करने से यह स्थिति और ‘बदतर’ होगी.
संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि भारतीय आतिथ्य क्षेत्र निश्चित तौर पर इस वैश्विक महामारी से प्रभावित होगा. देश में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या भी बढ़ रही है.
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