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एक बार फिर हुआ भारतीय यूजर्स का डेटा लीक, Mobikwik पर आरोप, डार्क वेब पर बेचा 35 लाख यूजर्स का डेटा

हम समय-समय पर यह सुनते आए हैं कि भारतीय यूजर्स का डेटा ऑनलाइन प्रोसेसिंग कंपनियों द्वारा बहुत से साइट्स को बेचा जाता रहा है. इसी क्रम में ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म MobiKwik का डाटा लीक होने की खबर सामने आ रही है. RBI ने 35 करोड़ यूजर्स के डेटा लीक मामले को काफी गंभीरता से लिया है और Mobikwik को किसी सर्टिफाइड ऑडिटर से तुरंत जांच कराने और रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.

हम समय-समय पर यह सुनते आए हैं कि भारतीय यूजर्स का डेटा ऑनलाइन प्रोसेसिंग कंपनियों द्वारा बहुत से साइट्स को बेचा जाता रहा है. इसी क्रम में ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म MobiKwik का डाटा लीक होने की खबर सामने आ रही है. RBI ने 35 करोड़ यूजर्स के डेटा लीक मामले को काफी गंभीरता से लिया है और Mobikwik को किसी सर्टिफाइड ऑडिटर से तुरंत जांच कराने और रिपोर्ट भेजने को कहा गया है.

कंपनी ने लीक की बात से किया इंकार

कई यूजर्स ने इस बात की शिकायत भी की है, पर कंपनी ने कहा कि डेटा ब्रीच जैसा कुछ नहीं हुआ है. कंपनी इसकी जांच कर रही है. कंपनी अपने डाटा सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है. साथ ही, वो इस तरह के मामलों को लेकर सुरक्षा कानूनों का पूरा पालन करती आई है. कई उपयोगकर्ताओं ने इस बात की शिकायत की है कि उनके क्रेडिट कार्ड जैसे डिटेल्स लीक हो गए हैं, पर कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी हर तरह के नियमो के अधीन है. इसमें पीसीआई-डीएसएस और आईएसओ प्रमाणपत्र शामिल हैं. जिसके जरिए प्लेटफॉर्म की सिक्योरिटी को सुरक्षित रखा जा सकता है.

35 लाख यूजर्स का डाटा है खतरे में

जानकारी के मुताबिक, Mobikwik में 3.5 मिलियन यूजर्स का डाटा शामिल है. हैकर का दावा है कि डार्क वेब पर 35 लाख यूजर्स का डेटा बेचा जा रहा है, जिसमें उनका नाम, फोन नंबर, ऐड्रेस, उम्र , क्रेडिट कार्ड की जानकारी, बैंकिंग ट्रांजेक्शन के डिटेल जैसी ज़रूरी जानकारी शामिल है. इसे गंभीरता से लेते हुए नई दिल्ली स्थित डिजिटल राइट्स ग्रुप इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन (IFF) ने देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी को डेटा उल्लंघन की जांच करने के लिए कहा है.

RBI ने दिया फोरेंसिक ऑडिट का आदेश

जानकारी के अनुसार, इस केस को लेकर RBI काफी गंभीर हो चुका है. RBI ने Mobikwik को फोरेंसिक ऑडिट कराने का आदेश दिया है, जिसके लिए एक्सटर्नल ऑडिटर नियुक्त करने का आदेश दिया गया है. इस मामले में यदि Mobikwik दोषी करार होता है, तो उसे कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इस मामले में आरबीआई ने किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है. आरबीआई के पास ऐसे मामलों में भुगतान प्रणाली प्रदाता कंपनी को न्यूनतम 500,000 रुपये का जुर्माना लगाने की पावर है. साथ ही, भारत में Mobikwik की सर्विस भी बंद हो सकती है.

इससे पहले भी हुए हैं कई डाटा लीक

इससे पहले भी कई बड़ी कंपनियों द्वारा डाटा लीक की शिकायत हुई है, जिनमें 2018 में आधार लीक का मामला, 2020 में ही Unacademy से 22 मिलियन यूजर्स के अकाउंट डाटा लीक, 2020 में बिग बॉस्केट से डेटा लीक हुआ था. यूके की फर्म कैम्ब्रिज अनालिटिक और ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड द्वारा 5.62 लाख भारतीय फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डेटा लीक जैसे केस शामिल है.

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Posted by : Vishwat Sen

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