भारत के कृषि सुधारों को मिला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का समर्थन, कहा- नया कानून महत्वपूर्ण कदम
Agricultural reform, Farmers profit, International Monetary Fund : वाशिंगटन : नये कृषि कानूनों को लेकर जहां भारत में विरोध प्रदर्शन और वापस लेने की मांग की जा रही है, वहीं वैश्विक वित्तीय संस्था अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपना समर्थन दिया है.
वाशिंगटन : नये कृषि कानूनों को लेकर जहां भारत में विरोध प्रदर्शन और वापस लेने की मांग की जा रही है, वहीं वैश्विक वित्तीय संस्था अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपना समर्थन दिया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि नये कृषि सुधारों से किसानों की क्रेताओं तक सीधी पहुंच होगी और बिचौलियों की भूमिका कम होगी. इससे किसानों का मुनाफा बढ़ेगा.
आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने वॉशिंगटन में एक प्रेस वार्ता में कहा कि, ”कृषि सुधारों के लिए भारत सरकार द्वारा बनाये गये कानून एक महत्वपूर्ण कदम है.”
साथ ही बिचौलियों की भूमिका खत्म होने को लेकर गेरी राइस ने कहा कि ”उनके लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है, जो नयी प्रणाली से प्रभावित हो सकते हैं.”
मालूम हो कि भारत में कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग को लेकर किसान संगठन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इधर, सरकार के साथ भी किसानों की बातचीत चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को सुलझाने के लिए समिति गठित की है.
दिल्ली-हरियाणा सीमा पर डेढ़ माह से ज्यादा समय से किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं. वहीं, आज शुक्रवार को सरकार के साथ नौवें दौर की बातचीत की जा रही है. किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाये और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाया जाये.
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