नई दिल्ली : वैश्विक मांग में नरमी की वजह से भारत का निर्यात फरवरी में 8.8 फीसदी घटकर 33.88 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 37.15 अरब डॉलर था. हालांकि, फरवरी में देश का व्यापार घाटा कम होकर 17.43 अरब डॉलर पर रह गया है. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है. समीक्षाधीन अवधि में आयात भी 8.21 फीसदी घटकर 51.31 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 55.9 अरब डॉलर था.
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल वस्तु निर्यात 7.5 फीसदी बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा. इस दौरान आयात 18.82 फीसदी बढ़कर 653.47 अरब डॉलर हो गया. दिसंबर 2022 में देश का निर्यात सालाना आधार पर 6.58 फीसदी घटकर 32.91 अरब डॉलर रह गया था. फरवरी 2022 में व्यापार घाटा 18.75 अरब डॉलर था. जनवरी 2022 में व्यापार घाटा 17.42 अरब डॉलर को छू गया था.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अभी तक के रुझानों को देखते हुए भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात 2022-23 में 750 अरब डॉलर को पार कर जाएगा. बर्थवाल ने कहा कि हमने विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद गति बनाए रखी है. निर्यातकों ने गति बनाए रखी है. सेवा निर्यात का प्रदर्शन बहुत अच्छा है. व्यापार घाटा वास्तव में कम हुआ है. उम्मीद है कि हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य तय करने की कवायद शुरू कर दी है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान निर्यात के लिहाज से नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, सूती धागे, कपड़े और प्लास्टिक शामिल हैं. अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात घटकर 98.86 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 101.15 अरब डॉलर था. रत्न और आभूषण निर्यात अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान घटकर 35.21 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 35.32 अरब डॉलर था.
सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, औषधि, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चावल और तैयार वस्त्र शामिल हैं. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान सोने का आयात घटकर 31.72 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 45.12 अरब डॉलर था. चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 193.47 अरब डॉलर हो गया, जो 2021-22 की समान अवधि में 140.67 अरब डॉलर था.
Also Read: भारत ने WTO में चावल, गेहूं के निर्यात पर पाबंदी के फैसले का किया बचाव, यहां जानें पूरा मामला
उधर, खबर यह भी है कि सरकार इस महीने के अंत तक नई पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) जारी कर सकती है. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि नई नीति का मकसद वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एफटीपी के विभिन्न पहलुओं पर गौर किया है और यह नीति मूल रूप से विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं का संग्रह है. नई विदेश व्यापार नीति में दूरदृष्टि के पहलू को भी जोड़ा गया है, क्योंकि मंत्रालय 2030 तक वस्तु और सेवाओं के निर्यात को 2,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य बना रहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.