Indigo Flight Ticket: केंद्र सरकार के द्वारा साल से पहले दिन घरेलू तेल उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स को कम कर दिया था. परेशानी से जूझ रही एयरलाइंस कंपनियों को राहत देते हुए एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) पर टैक्स को कम कर दिया है. सरकार के इस फैसले का असर अब हवाई किराये पर दिखने लगा है. एयरलाइन इंडिगो (Indigo Airlines) ने विमान ईंधन की कीमतों में कमी के बाद बृहस्पतिवार से ईंधन शुल्क वसूलना बंद करने की घोषणा की है. एयरलाइन ने एटीएफ (Aviation Turbine Fuel) की कीमतों में उछाल के बाद अक्टूबर 2023 की शुरुआत से ईंधन शुल्क वसूलना शुरू किया था. बृहस्पतिवार से इसे हटा दिया गया. विमानन कंपनी के अनुसार, हाल ही में एटीएफ की कीमतों में कमी के कारण ईंधन शुल्क वापस ले लिया गया है. इंडिगो की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, एटीएफ की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहता है..इसलिए हम कीमतों या बाजार स्थितियों में किसी भी बदलाव से निपटने के लिए अपने किराए और उसके घटकों को समायोजित करना जारी रखेंगे. ईंधन शुल्क एयरलाइन की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लागू था.
क्यों कंपनी ने बढ़ाया था चार्ज
अगस्त से हवाई ईंधन के दाम में वृद्धि के कारण अक्टूबर के महीने में इंडिगो ने अपने हवाई किराये में उड़ान की दूरी के आधार पर 1,000 रुपये तक का ईंधन शुल्क लगाने की घोषणा की थी. एटीएफ की लागत भारतीय वाहकों के लिए सबसे बड़ा व्यय है, जो उनके कुल राजस्व का लगभग 45 प्रतिशत उपभोग करती है. 1 जून से 1 अक्टूबर के बीच, दिल्ली में एटीएफ की कीमतें 32.4 प्रतिशत बढ़कर 1.18 लाख रुपये प्रति किलोलीटर (केएल) तक पहुंच गई थी. अब कंपनी के द्वारा ईंधन चार्ज हटाने के फैसले से हवाई किराये में 300 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक की कटौती होगी. इससे पहले, मई 2018 में, एयरलाइन ने एटीएफ की कीमतों में वृद्धि की भरपाई के लिए सबसे पहले फ्यूल सरचार्ज लगाया था.
कितना कम हुआ है चार्ज
सरकार ने विमान ईंधन की कीमत में 4,162.5 रुपये यानी 3.9 प्रतिशत की कटौती की गयी है. इस कटौती के बाद दिल्ली में विमान ईंधन की कीमत 1,01,993.17 रुपये प्रति किलोलीटर हो गयी है. यह लगातार तीसरा महीना है जब विमान ईंधन के दाम में कटौती की गयी है. इससे पहले, नवंबर में एटीएफ के दाम में लगभग छह प्रतिशत (6,854.25 रुपये प्रति किलोलीटर) की कटौती की गयी थी. जबकि दिसंबर में इसमें 5,189.25 यानी 4.6 प्रतिशत की कमी की गयी थी. किसी एयरलाइन की परिचालन लागत में एटीएफ का हिस्सा लगभग 40 प्रतिशत बैठता है.
15 दिनों में होता है अपडेट
अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल और उत्पाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर विंडफॉल टैक्स में हर 15 दिनों में संशोधन होता है. इससे पहले, 1 दिसंबर को सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित कर को ₹6,300 प्रति टन से घटाकर ₹5,000 प्रति टन करने की घोषणा की थी. इसके अलावा, 16 नवंबर को पिछली समीक्षा के दौरान, सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित कर को ₹3,500 घटाकर ₹9,800 प्रति टन से घटाकर ₹6,300 प्रति टन कर दिया था. यह वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट के रुझान के अनुरूप था. जबकि, 1 नवंबर को सरकार ने कच्चे तेल पर टैक्स 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया था. इसके बाद, डीजल निर्यात पर शुल्क आधा घटाकर ₹2/लीटर कर दिया गया, जबकि जेट ईंधन पर शुल्क समाप्त कर दिया गया, जिससे इसे 1 रुपये/लीटर से घटाकर शून्य कर दिया गया.
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