Inflation Data: फेडर बैंक के द्वारा कर्ज के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद को बढ़ा झटका लग सकता है. अमेरिका में एक बार फिर से महंगाई दरों में इजाफा देखने को मिल रहा है. पेट्रोल और शेल्टर कॉस्ट में आयी महंगाई का असर साल दर साल कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) में 0.4 फीसदी का इजाफा हो गया. मार्च महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बढ़कर 3.5 प्रतिशत हो गया है. इससे पहले फरवरी में महंगाई दर में 3.2 प्रतिशत का उछाल आया था. हालांकि, इसके बाद फिर कर्ज के ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है. ये आंकड़े अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट के द्वारा जारी किया गया है. महंगाई में मजबूती के कारण डाओ जोन्स में 1.18 प्रतिशत यानी 458 अंक से अधिक फिसल गया. जबकि, नैसडैक में 180 अंक यानी 1.13 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. एस एंड पी 500 1.06 प्रतिशत यानी 55 अंक नीचे गिरा दिखा.
महंगाई दर दो प्रतिशत करने का रखा था लक्ष्य
बता दें कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने महंगाई दर को 2 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा था. इसके बाद, जून में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जाहिर की गयी थी. आज अमेरिकी में रिटेल महंगाई की दर जारी होने वाली है. ऐसे में, अगर ये उम्मीद से ज्यादा होती है तो जून में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो जाएगी. हालांकि, बड़ी बात ये है कि साल 2023 के जून के मुकाबले महंगाई अभी भी कम है.
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क्या होगा भारतीय बाजार पर असर
भारतीय शेयर बाजार में आज ईद की छुट्टी है. हालांकि, एक्सपर्ट मान रहे हैं कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन जब बाजार खुलेगा तो इसका असर घरेलू स्टॉक मार्केट पर देखने को मिलेगा. इससे पहले बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी के साथ बंद हुआ. बीएसई के तीस अंकों वाला सेंसेक्स पहली बार 75 हजार के पार 75038 अंकों पर बंद हुआ. जबकि, निफ्टी 22753 पर क्लोज हुआ. FII ने 2778 करोड़ और DII ने 163 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. इस बीच, शुक्रवार को भारत का भी रिटेल महंगाई का डाटा और IIPका डेटा जारी किया जाने वाला है.
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