Loading election data...

जापान में 41 साल के रिकॉर्ड स्तर पर महंगाई दर, रसोई गैस से लेकर बर्गर तक सब महंगे

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान दशकों से अवस्फीति यानी लगातार गिरती कीमतों से जूझता रहा है, लेकिन अब स्थिति पलट गई है. आंतरिक मामलों और संचार मंत्रालय ने कहा कि इससे पहले उपभोक्ता कीमतों में इतनी तेजी दिसंबर 1981 में आई थी.

By KumarVishwat Sen | January 20, 2023 6:14 PM

नई दिल्ली/टोक्यो : महंगाई की मार से केवल श्रीलंका और पाकिस्तान ही परेशान नहीं है, बल्कि दुनिया के आर्थिक संपन्न देशों में शुमार जापान भी इससे रू-ब-रू है. आलम यह है कि जापान में रसोई गैस से लेकर बर्गर तक महंगे हो गए हैं और उपभोक्ता मूल्य पर आधारित जापान की मुद्रास्फीति दिसंबर महीने में बढ़कर 41 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. आर्थिक विशेषज्ञों की मानें, तो यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से दुनिया की सप्लाई चेन बाधित हुई है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आहट देखी जा रही है. इसका असर पर संपन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि जापान में भी उपभोक्ता मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 41 साल के रिकॉर्ड स्तर के साथ 4 फीसदी पर पहुंच गई है.

जापान की महंगाई दर 4 फीसदी के उच्च स्तर पर

समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, जापान में उपभोक्ता मुद्रास्फीति दिसंबर महीने में बढ़कर 41 साल के रिकॉर्ड स्तर चार फीसदी पर पहुंच गई. खबर में इस बात का जिक्र किया गया है कि जापान में बढ़ी महंगाई की वजह से वहां पर गैस से लेकर बर्गर तक सभी प्रकार की वस्तुओं की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हालांकि, एशियाई देश जापान की महंगाई दर अमेरिका समेत कुछ अन्य देशों की तुलना में अब भी कम है.

1981 में जापान में बढ़ी थी महंगाई

एजेंसी की खबर के अनुसार, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान दशकों से अवस्फीति यानी लगातार गिरती कीमतों से जूझता रहा है, लेकिन अब स्थिति पलट गई है. आंतरिक मामलों और संचार मंत्रालय ने कहा कि इससे पहले उपभोक्ता कीमतों में इतनी तेजी दिसंबर 1981 में आई थी. अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और कई अन्य देशों के बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरें बढ़ा दी हैं, लेकिन बैंक ऑफ जापान ने अपनी मानक दर को लंबे समय से शुन्य से नीचे 0.1 फीसदी पर रखा हुआ है.

Also Read: Union Budget 2023 : ‘महंगाई और कॉस्ट ऑफ लिविंग में वृद्धि के मद्देनजर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की जरूरत’
दबाव में बैंक ऑफ जापान

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी डॉलर और अन्य मुद्राओं की तुलना में जापान की मुद्रा येन के मूल्य में भारी गिरावट ने बैंक ऑफ जापान पर दवाब ला दिया. बैंक ऑफ जापान को दबाव में आने के बाद अंदेशा लगाया जाने लगा है कि वह भी जल्द ही नीतिगत दर बढ़ाना शुरू कर सकता है. लेकिन, फिलहाल वह नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के पक्ष में नजर नहीं दिखाई दे रहा है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version