Inflation in India: भारत में चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. महंगाई सुरसा के मुंह की तरफ फैलती जा रही है. बढ़ते दामों के कारण चीजें आम आदमी की पहुंच से काफी दूर होती जा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब हैं. जो बड़ी मुश्किल से अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर पाता है. मार्च महीने में महंगाई दर 6.95 थी, जो अप्रैल में बढ़कर 7.79 हो गई. बता दें, महंगाई दर बीते 8 साल के उच्चतम स्तर पर है.
भारत में महंगाई दर 8 साल में सबसे ज्यादा: देश में महंगाई दर लगातार बढ़ रही है. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी थी. सबसे चौंकाने वाली बात है कि मार्च महीने में महंगाई दर 6.95 फीसदी थी. ऐसे में कुछ जानकारों का कहना है कि हालात यही रहे तो एक बार फिर रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट बढ़ा सकता है. गौरतलब है कि, महंगाई दर बीते 8 सालों के सबसे उच्चतम स्तर पर है. इससे पहले मई 2014 में महंगाई दर 8.33 फीसदी थी.
क्या होता है महंगाई दर: देश में महंगाई दर बढ़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में महंगाई दर बढ़कर 8 फीसदी के करीब पहुंच गया है. अब सवाल है कि आखिर महंगाई दर क्या है और इसे कैसे मापा जाता है. दरअसल, महंगाई से तात्पर्य है किसी भी सामान या सेवा का दाम एक समय के बाद बढ़ जाना. महंगाई दर को साल या महीने या कभी कभी हफ्ते के हिसाब से मापते हैं. उदाहरण के लिए अगर साल भर पहले प्याज प्रति किलो 100 था लेकिन अब वो 110 रुपये प्रति किलो मिल रहा है तो इस हिसाब से प्याज की सालाना महंगाई दर 10 फीसदी हुई. इसका अर्थ यह नहीं है कि प्याज का दाम बढ़ गया इसका एक मतलब यह भी है कि पैसे की क्रय शक्ति कम हो गयी है.
गर्मी बढ़ा सकती है महंगाई: भारत में पड़ रही भीषण गर्मी देश में महंगाई बढ़ सकती है. ये कहना है रेटिंग एजेंसी मूडीज का. जी हां, मूडीज ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लंबे समय तक उच्च तापमान भारत के लिए नुकसानदेह है, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ सकती है. मूडीज का तर्क है कि अधिक समय तक उच्च तापमान देश के उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्से को प्रभावित कर सकती है. इस कारण खासकर गेहूं के उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है. गर्मी के कारण बिजली की कटौती भी हो सकती है.
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