ट्रकों की हड़ताल से कोरोना काल में बढ़ेगी महंगाई, बंगाल में छह लाख ट्रक का चक्का जाम

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल (Truck Strike 2020) से कोरोना संक्रमण के दौर में महंगाई के और बढ़ने (Price Rise) की संभावना बढ़ गयी है. पश्चिम बंगाल से कई राज्यों की सप्लाई चेन जुड़ी हुई है. सब्जियां (Vegetables), अंडे (Eggs), फल (Fruits), मछलियां (Fish) और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आवक में कमी से इनकी कीमतों में वृद्धि हो सकती है. हड़ताल की वजह से हजारों ट्रक जहां-तहां खड़े हो गये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2020 3:53 PM
an image

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से कोरोना संक्रमण के दौर में महंगाई के और बढ़ने की संभावना बढ़ गयी है. पश्चिम बंगाल से कई राज्यों की सप्लाई चेन जुड़ी हुई है. सब्जियां, अंडे, फल, मछलियां और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आवक में कमी से इनकी कीमतों में वृद्धि हो सकती है. हड़ताल की वजह से हजारों ट्रक जहां-तहां खड़े हो गये हैं.

पश्चिम बंगाल में मालवाहनों के लिए बढ़ी हुई 25 प्रतिशत अधिकतम सुरक्षित एक्सल भार सीमा को लागू करने की मांग पर राज्य के 6 लाख ट्रकों के पहिये सोमवार से ही थम गये. 6 लाख ट्रक चालक सोमवार से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गये, जिससे प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.

ट्रक चालकों की मांग है कि सरकार मालवाहक एवं अन्य वाहनों की संशोधित लोडिंग क्षमता को तत्काल लागू करे. फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष बोस ने कहा कि हड़ताल बुलाने का मुख्य कारण पश्चिम बंगाल में माल वाहनों के लिए बढ़ी हुई 25 प्रतिशत अधिकतम सुरक्षित एक्सल भार सीमा को लागू करने की मांग है.

Also Read: IRCTC/Indian Railways News: झारखंड, बंगाल के लिए खुशखबरी, 15 अक्टूबर से दौड़ेगी हावड़ा-रांची शताब्दी स्पेशल ट्रेन, टिकट की बुकिंग कल से

उन्होंने दावा किया कि अन्य राज्यों में यह नियम पहले से लागू हो गया है. श्री बोस ने कहा कि मालवाहक वाहनों के लिए पश्चिम बंगाल को छोड़कर सारे देश में सुरक्षित एक्सल भार सीमा के संशोधित नियमों को लागू कर दिया गया है.

श्री बोस ने कहा कि हड़ताल को छह लाख ट्रक चालक समर्थन दे रहे हैं. यह हड़ताल 72 घंटे चलेगी. कोलकाता में बंदरगाहों पर ट्रांसपोर्ट सेवाएं देने वाले ट्रक चालक इस हड़ताल का हिस्सा नहीं हैं. उनके संगठन कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया है.

Also Read: IRCTC News/Indian Railways: बिहार, बंगाल के लिए तीन और स्पेशल ट्रेन, झारखंड के लोगों को भी फायदा

पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के कमल दे ने बताया कि औसतन 25 हजार ट्रक हर दिन बाहर से बंगाल में आते हैं. ये वाहन कोलकाता और आसपास के होलसेल मार्केट के लिए सामान लाते और यहां से सामान बाहर ले जाते हैं. इनमें से करीब 70 फीसदी ट्रक हड़ताल की वजह से सोमवार को शहर में नहीं आये. इसकी वजह से अत्यावश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है.

कमल दे ने बताया कि महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश से हर दिन करीब 90 टन प्याज पश्चिम बंगाल आता है. अंडों की बड़ी खेप आंध्रप्रदेश से आती है. इतना सामान जब राज्य में नहीं आयेगा, तो मंगलवार से बाजार में इसकी कीमतों का असर दिखने लगेगा. प्रति अंडा एक रुपया तक कीमत बढ़ सकती है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि भारी संख्या में ट्रक डानकुनी एवं रिसड़ा (दोनों हुगली जिला में), बासंती (दक्षिण 24 परगना) और बनगांव (उत्तर 24 परगना) में खड़े हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version