Inflationary Cyclone: बढ़ती महंगाई के बीच वेज और नॉन-वेज थाली के दाम बढ़े, जानें कीमतें
Inflationary Cyclone: भारत में Inflationary Cyclone के कारण खाने की लागत बढ़ रही है. आने वाले महीनों में सब्जियों और चिकन की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भोजन की लागत में और बदलाव संभव है.
Inflationary Cyclone: भारत में खाने की कीमतों में फिर उछाल आ गया. जनवरी 2025 में आलू, दाल और चिकन की बढ़ती कीमतों के कारण घर का बना खाना महंगा हो गया है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मांसाहारी थाली की कीमत में शाकाहारी थाली की तुलना में अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका मुख्य कारण ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में बढ़ोतरी है.
शाकाहारी थाली की कीमत में कितना इजाफा हुआ?
जनवरी 2025 में शाकाहारी थाली की कीमत 28.7 रुपये प्रति थाली हो गई, जबकि एक साल पहले इसकी कीमत 28 रुपये थी. इस महंगाई की वजह आलू, दाल और वनस्पति तेलों की बढ़ी हुई कीमतें हैं.
- आलू: 35% महंगा
- दालें: 7% महंगी
- वनस्पति तेल: 17% महंगा
हालांकि, ईंधन की लागत में 11% की गिरावट आने से इस बढ़ोतरी को कुछ हद तक नियंत्रित किया गया है.
मांसाहारी थाली के दामों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी क्यों?
जनवरी 2025 में मांसाहारी थाली की कीमत 60.6 रुपये तक पहुंच गई, जबकि एक साल पहले यह 52 रुपये थी. इसका सबसे बड़ा कारण ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में 33% की बढ़ोतरी है, क्योंकि मांसाहारी थाली में 50% हिस्सा चिकन का होता है.
मासिक तुलना: क्या दिसंबर की तुलना में कीमतें घटी हैं?
- शाकाहारी थाली: दिसंबर 2024 में 31.6 रुपये थी, जो जनवरी में घटकर 28.7 रुपये हो गई.
- मांसाहारी थाली: दिसंबर 2024 में 63.3 रुपये थी, जो जनवरी में घटकर 60.6 रुपये हो गई.
क्या हैं कारण
- टमाटर की कीमत में 34% गिरावट
- आलू में 16% कमी
- प्याज की कीमत में 21% गिरावट
हालांकि, ब्रॉयलर चिकन की कीमत में 1% की मामूली बढ़त के कारण मांसाहारी थाली की कीमतों में गिरावट सीमित रही.
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भारत में बढ़ गई खाने की लागत
भारत में Inflationary Cyclone के कारण खाने की लागत बढ़ रही है. आने वाले महीनों में सब्जियों और चिकन की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भोजन की लागत में और बदलाव संभव है.
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