Infosys: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा है कि संस्थापकों को अपने बच्चों को भी कंपनी में शामिल करना चाहिए. अपने इस बयान से पहले उन्होंने इस पर जोर दिया था कि संस्थापकों के बच्चों को कंपनी में शामिल नहीं होना चाहिए. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा कि वो गलत थे. अगली पीढ़ी के प्रवर्तक समूह को इंफोसिस से बाहर रखने का उनका फैसला गलत था.
एसआर मूर्ति ने कहा कि उनका मानना था कि इंफोसिस एक प्रोफेशनल रूप से चलने वाली कंपनी है. ऐसे में संस्थापकों के बच्चों को फर्म में किसी भी तरह के प्रबंधन से दूर रखना चाहिए. लेकिन उन्होंने बाद में खुद अपनी बात का विरोध करते हुए कहा कि वो इस मामले में पूरी तरह गलत थे. उन्होंने कहा कि मैंने जो कुछ कहा था अब मैं उसे वापस लेता हूं.
संगठन की मजबूती के लिए कही थी बात: नारायण मूर्ति ने कहा कि अपनी पहली बार कही बात के पीछे उनकी सोच थी कि उन्हें डर था कि कुछ लोग अयोग्य उम्मीदवार को लाकर पद पर बैठा सकते हैं. जबकि, मूर्ति चाहते थे कि योग्य व्यक्ति से संगठन और मजबूत हो. नारायण मूर्ति ने कहा कि जब जॉब की पेशकश की जाती है तो हर मायने में योग्यता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण इंफोसिस कंपनी ने एक साल की देरी के बाद संस्थान के 40 साल पूरे होने की खुशी को सेलिब्रेट किया. 40 साल पूरे होने की खुशी में एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान संस्थापकों ने बताया कि इंफोसिस एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपये उधार लेकर खड़ी की गई थी. शुरुआत में कंपनी का काम एक बेडरूम फ्लैट में होता था. लेकिन समय के साथ कंपनी ने ग्रोथ किया और आज यह 17 अरब डॉलर से अधिक के राजस्व और 78 अरब डॉलर की बाजार पूंजी के साथ एक वैश्विक तकनीकी ब्रांड बन गया है.
बता दें, बुधवार को आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस ने अपनी स्थापना के चार दशक पूरे होने का जश्न मनाया जोरदार तरीके से मनाया. इस मौके पर कंपनी के संस्थापकों ने इन्फोसिस की तरक्की की यात्रा को याद किया. एन आर नारायण मूर्ति, नंदन एम नीलेकणि, एस गोपालकृष्णन, एस डी शिबूलाल और के दिनेश ने कार्यक्रम में शामिल होकर पुरानी यादों को साझा किया.
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