Infosys GST Notice: देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस को भेजे गए जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) नोटिस के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. आईटी कंपनियों का शीर्ष संगठन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) इन्फोसिस के समर्थन में खड़ा हो गया है. नैसकॉम ने इन्फोसिस को भेजे गए 32,403 करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस पर कहा है कि यह कदम आईटी इंडस्ट्री के ऑपरेशन मॉडल से जुड़ी समझ की कमी को बताता है. उसने कहा कि टैक्स की इस प्रकार की डिमांड से आईटी सेक्टर की कई कंपनियों को अनचाहे मुकदमों और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
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पहले से ही मुकदमों का सामना कर रही हैं कंपनियां
आईटी कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने कहा कि यह कोई नई समस्या नहीं है. अदालतें इन मामलों में इंडस्ट्री के हक में फैसला सुनाती रही हैं. यह मुद्दा पहले भी सर्विस टैक्स कानून के दौरान भी आया था, जिसमें सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) ने कई फैसले दिए थे. नैसकॉम ने अफसोस जाहिर किया कि कई कंपनियां निवेशकों और ग्राहकों की तरफ से मुकदमेबाजी, अनिश्चितता और चिंताओं का सामना कर रही हैं.
नीतिगत परिवेश और कारोबारी सुगमता की जरूरत
नैसकॉम ने कहा कि सर्विस एक्सपोर्ट में तेजी लाना विकसित भारत की महत्वाकांक्षा और भारत में ग्लोबल टेक इन्वेस्टमेंट लाने के लिहाज से जरूरी है. उसने कहा कि इसके लिए एक मददगार नीतिगत परिवेश और कारोबारी सुगमता की जरूरत है. जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर जारी होने वाले सरकारी सर्कुलर्स को प्रवर्तन व्यवस्था में सम्मान दिया जाना चाहिए, ताकि नोटिस अनिश्चितता पैदा न करें और भारत की कारोबारी सुगमता पर नकारात्मक असर न पड़े. नैसकॉम ने दलील दी है कि जीएसटी अधिकारी ऐसे मामलों में कंपनी के भारतीय मुख्यालय की ओर से अपनी विदेशी शाखाओं को भेजे गए धन पर नोटिस जारी कर रहे हैं. उसने कहा कि अधिकारी इस बात को नजरअंदाज कर रहे हैं कि यह शाखा से मुख्यालय द्वारा सर्विस इम्पॉर्ट का मामला नहीं है.
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जीएसटी विभाग ने 5 साल का मांगा टैक्स
इन्फोसिस ने बुधवार को शेयर बाजारों को भेजी गई जानकारी में बताया था कि जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने वर्ष 2017 से शुरू होने वाले 5 साल के लिए इन्फोसिस को अपनी विदेशी शाखाओं से मिली सर्विस के एवज में 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है. यह टैक्स नोटिस पूर्व-प्रभाव वाली व्यवस्था (आरसीएम) के आधार पर भेजा गया है. हालांकि, दिग्गज आईटी कंपनी ने इसे पूर्व-कारण बताओ नोटिस बताते हुए कहा है कि उसके हिसाब से इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है.
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