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Small Saving Schemes में निवेश करन वालों को झटका, जानिए सुकन्या, PPF और NSC पर अब कितना मिलेगा ब्याज

Small Saving Schemes: ब्याज दरों को स्थिर रखने के फैसले के बाद लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें स्थिर रहेगी. एक वर्षीय सावधि जमा योजना के तहत दूसरी तिमाही में 5.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता रहेगा. वहीं बचत जमा पर ब्याज दर चार फीसदी सालाना पर ही बनी रहेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2022 9:37 AM

Small Saving Schemes: देश में बढ़ती महंगाई और शेयर बाजार में गिरावट के बीच सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के लिए राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC, एनएससी) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF, पीपीएफ) समेत अन्य लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. पीपीएफ और एनएससी पर जुलाई-सितंबर, 2022 की तिमाही में 7.1 फीसदी और 6.8 फीसदी की वार्षिक ब्याज दरें ही मिलती रहेगी. जाहिर है शेयर बाजार में गिरावट के बीच छोटी योजनाओं में ब्याज दरों में इजाफे की आस लगाए निवेशकों के इस फैसले से निराशा हाथ लगी है.

सुकन्या, एनएससी और अन्य छोटी बचत योजना: दरअसल, सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही से ही लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वित्त मंत्रालय ने बीते दिन गुरुवार को एक अधिसूचना के जरिए कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विभिन्न लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस फैसले के बाद नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (National Saving Certificate) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) जैसी छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर ब्याज दरें पहले की तरह मिलती रहेंगी.

ब्याज दर में बदलाव नहीं

ब्याज दरों को स्थिर रखने के फैसले के बाद लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें स्थिर रहेगी. एक वर्षीय सावधि जमा योजना के तहत दूसरी तिमाही में 5.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलता रहेगा. वहीं बचत जमा पर ब्याज दर चार फीसदी सालाना पर ही बनी रहेगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए संचालित पांच वर्षीय बचत योजना पर 7.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता रहेगा. जबकि, सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 फीसदी से ब्याज मिलेगा. वहीं, एक से पांच साल की सावधि जमा पर 5.5 और 6.7 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा.

तिमाही आधार पर तय होती है ब्याज दर

गौरतलब है कि , छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर पर हर तीन महीने यानी तिमाही आधार पर वित्त मंत्रालय ब्याज दर तय करता है. लेकिन ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं करने के सरकार के फैसले से उन लोगों को निराशा हुई जो ब्याज दर बढ़ोत्तरी की आस लगाए बैठे थे. बता दें 2020-21 की पहली तिमाही के बाद से ही स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है.

भाषा इनपुट के साथ

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