16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ब्याज दर में बढ़ोतरी से स्मॉल इंडस्ट्री को दिए गए लोन पर जोखिम बढ़ा, लोन री-पेमेंट में बढ़ सकती हैं दिक्कतें

रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यहां तक कि अगर आरबीआई नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में वृद्धि अब रोक देता है, ऐसी स्थिति में भी पुनर्भुगतान की रकम एसएमई कर्जदारों की ऋण चुकाने की क्षमता पर भार डालेगी.

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से ब्याज दरों (रेपो रेट) में लगातार की गई बढ़ोतरी से स्मॉल इंडस्ट्री को दिए गए कर्ज पर जोखिम बढ़ गया है. यह जोखिम उन ऋणों पर बढ़ा है, जो संपत्ति के बदले दिया गया है. रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से कर्ज के पुनर्भुगतान (ईएमआई के रूप में किस्त का भुगतान) की रकम बढ़ गई है. इस वजह से संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले लघु एवं मझोले उद्यम (एसएमई) कर्जदारों के लिए पुनर्वित्त के विकल्प सीमित हो गए हैं. ऐसी स्थिति में संपत्ति के बदले दिए गए कर्ज को लेकर चूक का जोखिम बढ़ गया है और कर्ज के पुनर्भुगतान में कई कर्ज लेने वाले डिफॉल्टर घोषित हो सकते हैं.

रेपो रेट में बढ़ोतरी रोकने से बढ़ेगा भार

रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यहां तक कि अगर आरबीआई नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में वृद्धि अब रोक देता है, ऐसी स्थिति में भी पुनर्भुगतान की रकम एसएमई कर्जदारों की ऋण चुकाने की क्षमता पर भार डालेगी. इसके अलावा, पिछले साल ब्याज दर में हुए बढ़ोतरी ने इस संभावना को कम कर दिया है कि संपत्ति के बदले कर्ज ले रखे कर्जदार लोन अदायगी में परेशानी होने पर अधिक उदार शर्तों पर पुनर्वित्त प्राप्त करने में सक्षम होंगे.

वित्त पोषण की लागत में वृद्धि

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि पिछले एक साल में ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए वित्त पोषण की लागत में वृद्धि की है. एनबीएफसी ने वित्त पोषण की लागत बढ़ने पर संपत्ति के बदले कर्ज लेने वाले छोटे और मझोले उद्यमों से संबंधित कर्जदारों के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की है. ऐसे में यह आशंका बढ़ रही है कि ये कर्ज अदा करने में चूक कर सकते हैं.

Also Read: RBI Repo Rate Hike: 2023 से पहले आरबीआई ने दिया जोर का झटका, रेपो रेट में इजाफा, महंगी होगी EMI

आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार छह बार की बढ़ोतरी

बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मई, 2022 के बाद से लेकर फरवरी, 2023 तक नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को बढ़ाकर करीब 6.5 फीसदी के स्तर तक पहुंचा दिया है. इस दौरान आरबीआई की ओर से रेपो रेट में करीब 2.50 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई. आरबीआई ने मई, 2022 से फरवरी, 2023 के अंतराल में रेपो रेट में करीब 6 बार बढ़ोतरी की, लेकिन नए वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के दौरान आरबीआई की मौद्रिक समिति ने रेपो रेट में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया. अब जबकि आरबीआई की ओर से लगातार छह बार रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद अप्रैल की शुरुआत में इस पर विराम लगा दिया गया है, तो पहले से लघु उद्यमों को दिए गए कर्ज पर जोखिम बढ़ गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें