इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
इंटरनेशनल फंड में निवेश करते हुए दूसरे देश की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का भी फायदा उठा सकते हैं. इनमें निवेश करने से पहले जरूरी है कि आप इससे जुड़े जोखिम और फैक्टर्स की जानकारी प्राप्त कर लें जिनसे इनका प्रदर्शन प्रभावित होता है.
इंटरनेशनल फंड इक्विटी फंड हैं जो भारत के बाहर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. ये फंड आपको दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों में निवेश करने में मदद करते हैं. इसके प्रति निवेशकों का आकर्षण भी तेजी से बढ़ रहा है. इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा डाइवर्सिफिकेशन को लेकर है.
इंटरनेशनल फंड में निवेश करते हुए दूसरे देश की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का भी फायदा उठा सकते हैं. इनमें निवेश करने से पहले जरूरी है कि आप इससे जुड़े जोखिम और फैक्टर्स की जानकारी प्राप्त कर लें जिनसे इनका प्रदर्शन प्रभावित होता है. अपने जोखिम को देखते हुए ही इनमें निवेश करना चाहिए.
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इन बातों का रखें ध्यान
जोखिम : विदेशों में निवेश पर मुद्रा (करेंसी) से जुड़ा जोखिम सबसे अहम है. अगर आप इस फंड के जरिये अमेरिकी कंपनियों में निवेश करते हैं और अगर डॉलर की तुलना में रुपया का मूल्य गिरता है, तो एनएवी बढ़ेगी और अगर रुपया मजबूत हुआ, तो एनएवी में गिरावट दिखेगी.
मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स : फंड का प्रदर्शन उस देश की राजनीतिक, आर्थिक या सामाजिक स्थिति पर निर्भर करता है. निवेश से पहले उस देश की स्थिति पर नजर बनाये रखना होगा.
कई इकोनॉमी का फायदा : इस फंड के जरिये कई देशों की बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में निवेश का फायदा मिलता है. इसके जरिये अपने पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से डाइवर्सिफाई करने में मदद मिलता है.
टैक्स : टैक्स के लिहाज से इसे डेट फंड के तौर पर माना जाता है और डेट फंड पर जिस तरह से एलटीसीजी और एसटीसीजी पर टैक्स लगता है, वैसे ही यहां भी लगेगा.
इंटरनेशनल फंड्स के प्रकार
ग्लोबल फंड्स : ग्लोबल फंड में निवेश की गयी पूंजी को दुनिया भर की कंपनियों में निवेश किया जाता है. यहां तक कि निवेशक के देश की कंपनियों में भी. वहीं, इंटरनेशनल फंड का पैसा निवेशक के देश को छोड़कर अन्य देशों में निवेश किया जाता है.
ग्लोबल थीमैटिक फंड : यह फंड दुनिया भर के देशों में एक निश्चित निवेश थीम पर काम करनेवाली कंपनियों में निवेश करते हैं जैसे इमर्जिंग मार्केट्स फंड.
रीजनल फंड : इस फंड का पैसा किसी खास हिस्से में स्थित देशों की कंपनियों में निवेश किया जाता है.
नेशनल या कंट्री फंड : इस फंड का पैसा सिर्फ एक देश की कंपनी में निवेश किया जाता है.
ग्लोबल सेक्टर फंड्स: इस फंड का पैसा किसी एक खास सेक्टर में मौजूद दुनिया भर की कंपनियों में निवेश किया जाता है.
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