नयी दिल्ली : आठ मार्च को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है. महिलाएं आज के समय में सभी क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. पुरुषों से किसी भी मामले में महिलाएं पीछे नहीं हैं. इन सब के बीच महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त और स्वतंत्र होना भी बेहद जरूरी है. हमारे समाज में अभी भी ऐसी मान्यता है कि वित्तीय व्यवस्था पर केवल पुरुषों का अधिकार है. लेकिन महिलाओं को भी वित्तीय तौर पर स्वतंत्र और सुरक्षित होने के कुछ टिप्स यहां हैं…
तेजी से बढ़ती इस दुनिया में सभी वर्ग के लोगों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग की जरूरत है. इसी प्रकार महिलाएं भी अपने भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करें. घर और परिवार की देखभाल के साथ कई महिलाओं को काम के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता है. यही वजह है कि महिलाएं बचत और निवेश में कम रूचि दिखा पाती हैं. ऐसे में वित्तीय योजना बनाकर महिलाएं अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं. घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई और जरूरतों को पूरा करने के लिए बचत और निवेश की प्लानिंग बेहद जरूरी है.
बचत करना अच्छी बात है. बचत कर प्रवृति अधिकतर महिलाओं में देखने को भी मिलती है, लेकिन इसेक साथ-साथ निवेश भी बेहद जरूरी है. अगर महिलाएं नौकरीपेशा है तो उनकी सैलरी बैंक में पड़ी रहती है. इसपर काफी कम ब्याज मिलता है. ऐसे में इस पैसे को विभिन्न योजनाओं में निवेश कर ज्यादा लाभ कमाया जा सकता है. आम तौर पर घरेलू महिलाएं बचत तो करती हैं, लेकिन वह अपने बचत का पैसा घरों में ही रखना पसंद करती हैं. ऐसी महिलाएं भी एसआईपी जैसी निवेश योजनाओं में एक निश्चित रकम निवेश कर लाभ कमा सकती हैं.
Also Read: PM Kisan Samman Nidhi Yojana : 31 मार्च से पहले करें रजिस्ट्रेशन, होगा चार हजार रुपये का फायदा
महिलाएं आम तौर पर बीमा योजनाओं को लेकर ज्यादा नहीं सोंचती हैं. जीवन में कई ऐसी परिस्थिति आती है जब स्वास्थ्य बीमा की जरूरत महसूस होती है. ऐसे में आपके पास एक अच्छा स्वास्थ्य बीमा होना जरूरी है. अपने प्रियजनों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए भी स्वास्थ्य और जीवन बीमा को प्राथमिकता देनी चाहिए. आप विभिन्न कंपनियों की बीमा योजनाओं की तुलना कर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि किस प्रकार बीमा आप खरीद सकते हैं. बच्चों के लिए चाइल्ड प्लान चुनकर भी आप अपनों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं.
सभी वर्ग के लोगों के लिए इमरजेंसी फंड जरूरी है. बुरे दौर में पैसों की कमी के कारण कई अप्रिय घटनाएं घट जाती हैं. ऐसे में इमरजेंसी फंड आपकी काफी मदद कर सकता है. वर्तमान आय और परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर छोटे इमरजेंसी फंड के साथ शुरुआत की जा सकती है. धीरे-धीरे इसको बड़ा करने का प्रयास करें. एक बड़ा इमरजेंसी फंड आपको बुरे दौर से आसानी से बाहर निकाल सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इमरजेंसी फंड लिक्विड होना चाहिए और कम से कम इतना बड़ा होना चाहिए कि पांच से ठह महीनों तक घर का खर्च चलाया जा सके.
Also Read: बचत खाते पर भी पाएं एफडी जैसा ब्याज, जानिए कौन सा बैंक देता है सबसे ज्यादा इंट्रेस्ट
अपने खर्च की सूची बनानी चाहिए. दायित्वों के बारे में सोचते हुए अपने पैसों को मैनेज करने का प्रयास होना चाहिए. सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि आय के अनुसार उनका पैसा कहां ज्यादा खर्च हो रहा है और इसका मैनेजमेंट कैसे किया जा सकता है. आय और खर्च की सूची बनाने का एक फायदा यह भी होता है कि खर्च मैनेज कर आप बचत की योजना भी बना सकते हैं. वित्तीय रूप से मजबूत होने के लिए एक बजट का बनाया जाना बेहद जरूरी है.
कई बार अपर्याप्त बचत की वजह से वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अगर आपकी बजट सीमित है और खर्च करने में परेशानी हो रही है तो आय के दूसरे स्रोत का विकल्प सोचना चाहिए. आय के साधनों को बढ़ाने से आप अपनी वित्तीय समस्याओं से निपट सकते हैं. एक ऐसा प्लान भी बनाना चाहिए, जिससे वर्तमान खर्च में कटौती हो और आय बढ़े.
Posted By: Amlesh Nandan.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.