भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण: रिजर्व बैंक ने रुपये में विदेशी व्यापार की अनुमति दी
अजय बग्गा ने बताया कि जब भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत ज्यादा नहीं था, उस वक्त रूस ने हमें यह सुविधा दे रखी थी. रूस के साथ हमारा कारोबार रुपये में होता था. अगर सामने वाला देश रुपये में व्यापार करने के लिए तैयार हो जाता है, तो यह भारत के लिए अच्छी बात होगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए बैंकों को भारतीय मुद्रा (Indian Currency) में आयात एवं निर्यात (Import and Export) के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने का निर्देश दिया है. इसे भारतीय मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण के रूप में देखा जा रहा है. बाजार के एक्सपर्ट अजय बग्गा (Ajay Bagga) ने कहा कि अगर दुनिया के अन्य देश रुपये को इतना महत्व दे रहे हैं, तो आने वाले दिनों में रुपये में मजबूती आने की उम्मीद है.
रूस ने हमें दी थी ये सुविधा
अजय बग्गा ने बताया कि जब भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत ज्यादा नहीं था, उस वक्त रूस ने हमें यह सुविधा दे रखी थी. रूस के साथ हमारा कारोबार रुपये में होता था. अब रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि बैंकों को यह व्यवस्था लागू करने के पहले उसके विदेशी मुद्रा विभाग से पहले अनुमति लेना जरूरी होगा.
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आयात-निर्यात के निपटान के लिए अतिरिक्त इंतजाम
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, ‘भारत से निर्यात बढ़ाने पर जोर और भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए वैश्विक व्यापार को बढ़ाने के लिए यह तय किया गया है कि बिल बनाने, भुगतान और रुपये में आयात-निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम किया जाये.’
वोस्ट्रो खातों की होगी जरूरत
सर्कुलर के मुताबिक, व्यापार सौदों के समाधान के लिए संबंधित बैंकों को साझेदार कारोबारी देश के अभिकर्ता बैंक के विशेष रुपया वोस्ट्रो खातों की जरूरत होगी. केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘इस व्यवस्था के जरिये भारतीय आयातकों को विदेशी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता से वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के इन्वॉयस या बिल के एवज में भारतीय रुपये में भुगतान करना होगा, जिसे उस देश के अभिकर्ता बैंक के खास वोस्ट्रो खाते में जमा किया जायेगा.’
भारतीय रुपये में किया जायेगा भुगतान
इसी तरह विदेश में वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति करने वाले निर्यातकों को उस देश के निर्दिष्ट बैंक के खास वोस्ट्रो खाते में जमा राशि से भारतीय रुपये में भुगतान किया जायेगा. इस व्यवस्था से भारतीय निर्यातक विदेशी आयातकों से अग्रिम भुगतान भी रुपये में ले सकेंगे.
भाषा इनपुट के साथ
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