Senior Citizens Savings Scheme में निवेश कर पाएं एफडी से भी ज्यादा ब्याज, जानें कहां खोल सकते हैं खाता

Senior Citizens Savings Scheme, SCSS वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) बुजुर्गों के लिए सरकार की एक योजना है. सरकार इस योजना में निवेश करने वाले 60 साल से अधिक उम्र के भारतीय नागरिकों को इस बचत खाते में फिक्स्ड डिपॉजिट से भी ज्यादा ब्याज दिया जाता है. इस योजना में जमाकर्ता की राशि पांच साल में मैच्योर होती है. यह अवधि एक बार तीन साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है. देखें तो जनवरी से मार्च 2019 के लिए एससीएसएस की ब्याज दर 8.6 फीसदी निर्धारित की गयी थी. इसमें ब्याज दर 7.5 से 8.7 फीसदी तक रहती है. यह बदलते रहता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2021 2:40 PM

Senior Citizens Savings Scheme, SCSS वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) बुजुर्गों के लिए सरकार की एक योजना है. सरकार इस योजना में निवेश करने वाले 60 साल से अधिक उम्र के भारतीय नागरिकों को इस बचत खाते में फिक्स्ड डिपॉजिट से भी ज्यादा ब्याज दिया जाता है. इस योजना में जमाकर्ता की राशि पांच साल में मैच्योर होती है. यह अवधि एक बार तीन साल तक के लिए बढ़ाई जा सकती है. देखें तो जनवरी से मार्च 2019 के लिए एससीएसएस की ब्याज दर 8.6 फीसदी निर्धारित की गयी थी. इसमें ब्याज दर 7.5 से 8.7 फीसदी तक रहती है. यह बदलते रहता है.

पोस्ट ऑफिस में आप एससीएसएस के तहत अपना खाता खोल सकते हैं. इसके साथ ही कुछ चुनिंदा सरकारी और निजी बैंकों में भी एससीएसएस के तहत खाता खोला जा सकता है. इस खाते में सभी जगहों पर सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर ही मान्य होता है. देश की सबसे बड बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एससीएसएस योजना के तहत खाता खोला जा सकता है. हम यहां आपको पात्रता और फायदे बता रहे हैं.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नियम

  • एसीएसएस के तहत कोई भी 60 साल से अधिक उम्र का भारतीय नागरिक एक हजार रुपये की न्यूनतम जमा या एक हजार रुपये के गुणजों में अधिकतम पंद्रह लाख रुपये तक के लिए खोल सकता है.

  • जमाकर्ता पांच साल की परिपक्वता अवधि के बाद खाते की अवधि तीन साल के लिए बढ़ा सकता है.

  • भारत सरकार द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशों के अनुसार जमा राशि पर तिमाही आधार पर ब्याज मिलेगा. उस ब्याज पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. वर्तमान में यह दर 7.40 फीसदी प्रतिवर्ष है और यह एक अप्रैल 2020 से प्रभावी है.

  • संयुक्त खाते में जमा पूरी राशि केवल प्रथम खाताधारक का ही माना जायेगा. दोनों पति और पत्नी एक-दूसरे के साथ सिंगल अकाउंट और ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं. जमाकर्ता किसी व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्तियों को नामांकित कर सकता है.

  • जमाकर्ता द्वारा किया गया नामांकन रद्द या परिवर्तित किया जा सकता है. खाता खोलने के समय की गयी जमा राशि का भुगतान पांच वर्ष या उसकी समाप्ति पर या खाता खोलने की तारीख से खाते की अवधि बढ़ाने की स्थिति में आठ वर्ष की समाप्ति के बाद किया जायेगा.

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कौन खोल सकता है खाता

  • कोई व्यक्ति व्यक्तिगत क्षमता में या पति और पत्नी के साथ संयुक्त रूप से खाता खोल सकता है.

  • एनआरआई और हिंदू अविभाजित परिवार इन नियमों के तहत खाता खोलने के पात्र नहीं हैं.

  • एक व्यक्ति जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक हो और वह भारत का नागरिक हो, वह खाता खोल सकता है.

  • जिनकी आयु 55 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 60 वर्ष से कम है और जो खाता खोलने की तारीख को अधिवर्षिता (सुपरएन्यूएशन) या अन्यथा पर सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

  • समय से पहले खाता बंद करने पर कुछ जुर्माना लगाया जाता है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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