रेल यात्रियों को मुआवजे के रूप में मिलेंगे 4.5 लाख रुपये
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने इस संबंध में जानकारी दी है कि यह मुआवजा नियमों के आधार पर दिया जा रहा है. जो नियम है उसके अनुसार यात्रियों को एक घंटे की देरी से ट्रेन के लिए 100 रुपये और दो घंटे या उससे अधिक की देरी के लिए 250 रुपये मिलते हैं.
तेजस एक्सप्रेस यात्रियों को 4.5 लाख रुपये मुआवजा के रूप में देगी. इसमें 2 हजार से अधिक यात्री शामिल हैं जिन्हें मुआवजा मिलेगा. तेजस यह मुआवजा इसलिए दे रहा है क्योंकि शनिवार और रविवार को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन देरी से पहुंची थी.
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने इस संबंध में जानकारी दी है कि यह मुआवजा नियमों के आधार पर दिया जा रहा है. जो नियम है उसके अनुसार यात्रियों को एक घंटे की देरी से ट्रेन के लिए 100 रुपये और दो घंटे या उससे अधिक की देरी के लिए 250 रुपये मिलते हैं.
Also Read: Indian railways/IRCTC Latest Updates : रेलवे का बड़ा फैसला, 9 अप्रैल से नहीं चलेगी तेजस एक्सप्रेस
तेज एक्सप्रेस ढाई घंटे की देरी से पहुंची थी. लखनऊ-दिल्ली तेजस करीब भी एक घंटे लेट थी. सुबह 6:10 बजे निर्धारित समय पर लखनऊ जंक्शन से रवाना हुई लेकिन परेशानियों के कारण ट्रेन को रोका गया. नयी दिल्ली स्टेशन पर दो घंटे देरी से पहुंची, जबकि लखनऊ जाने वाली तेजस एक्सप्रेस भी देरी से चल रही थी. भारी बारिश और सिग्नल पर कई परेशानियों की वजह से यह देरी हुई जिसका हर्जाना यात्रियों को रेलवे की तरफ से मिलेगा.
नियमों के आधार पर अब IRCTC को यात्रियों को मुआवजे के तौर पर 4,49,600 रुपये वापस करने होगा. इस बार भले ही भारी बारिश की वजह से ट्रेन देरी से पहुंची हो लेकिन पहले भी तेजस एक्सप्रेस यात्रियों को मुआवजा दे चुका है.
Also Read: Indian Railway News: अगर सात घंटे पेट दबाकर शौच रोक सकते हों तभी भारतीय रेल के इस ट्रेन से करें सफर
अक्टूबर में, दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस के चलने में तीन घंटे से अधिक की देरी से IRCTC को लगभग 1.62 लाख रुपये का खर्च आया था. इसका पेमेंट रेलवे की सहायक कंपनी ने अपनी बीमा कंपनियों के माध्यम से लगभग 950 यात्रियों को मुआवजे के रूप में दिया था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.