Indian Railway News: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी परियोजना आज पूरी हो गयी है. कोसी नदी पर रेलवे ने करीब दो किलोमीटर लंबा पुल बनाया है और इसपर ट्रेन चलाकर इसका ट्रायल भी कर लिया गया है. इस पुल के बनने से उत्तरी बिहार के लोगों को कई फायदे होंगे. उनका 90 साल पुराना सपना पूरा हो गया है. यह पुल निरमाली और सरायगढ़ को जोड़ रहा है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर बिहार के लोगों का 90 साल पुराना सपना सच हो गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 17 साल पहले जिस पुल की नींव रखी थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया. आज इस पुल पर ट्रेन के परिचालन का सफल ट्रायल कर लिया गया. इससे उत्तरी बिहार के लोगों को आने जाने में काफी मदद मिलेगी
रेल मंत्री गोयल ने ट्वीट किया, ‘पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा रखी गयी नींव पर कोसी महासेतु बनकर तैयार है. इस के साथ ही उत्तरी बिहार के लोगों का 90 साल पुराना सपना सच हुआ है. सेतु पर ट्रेन चलाने का ट्रायल सफलतापूर्वक किया जा चुका है और यह इस क्षेत्र में विकास की सौगात लेकर आयेगा.’ निरमाली और सरायगढ़ के बीच बना यह पुल 1.9 किलोमीटर है. इसकी लागत 516 करोड़ रुपये से अधिक है.
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा रखी गयी नींव पर कोसी महासेतु बनकर तैयार है। इस के साथ ही उत्तरी बिहार के लोगों का 90 साल पुराना सपना सच हुआ है।
सेतु पर ट्रेन चलाने का ट्रायल सफलतापूर्वक किया जा चुका है और यह इस क्षेत्र में विकास की सौगात लेकर आयेगा। pic.twitter.com/GpsoRbLtXp
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 7, 2020
पूर्व मध्य रेलवे की कोसी महासेतु और रेलखंड के निर्माण के बाद 298 किलोमीटर की दूरी मात्र 22 किलोमीटर में सिमट जायेगी. लगभग 1.9 किलोमीटर लंबे नये कोसी महासेतु सहित 22 किलोमीटर लंबे निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड का निर्माण वर्ष 2003-04 में 323.41 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया था. इसके बाद जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया था.
पीयूष गोयल ने आज एक और वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें भारतीय रेलवे की एक रिकॉर्ड का जिक्र है. रेलवे ने 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से माल गाड़ी को दौड़ाया. कोरोनावायरस संक्रमण के दौर में भी मालगाड़ी देश भर में जरूरी सामानों की आपूर्ति करती रही है. भारतीय रेलवे ने ‘मिशन शीघ्र’ (Mission Sheeghra) के तहत उत्तर प्रदेश के लखनऊ डिविजन में 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से मालगाड़ी को दौड़ाने में सफलता हासिल की है. रेल मंत्री ने ट्वीट कर मालगाड़ी के 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की जानकारी साझा की है इसमें उन्होंने मालगाड़ी के स्पीडोमीटर का वीडियो भी शेयर किया है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.
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