अगर आपके पास दो पहिया या चार पहिया वाहन है, तो सड़क पर चलाने से पहले उसका इंश्योरेंस कराना बहुत जरूरी है. इंश्योरेंस नहीं होने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. वैसे में लोग गाड़ी के इंश्योरेंस को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं. आज के समय में कई कंपनियां वाहनों का इंश्योरेंस कर रही हैं. लेकिन कई बार लोगों को ठगी का भी सामना करना पड़ता है. जिसके बारे में खुद वाहन मालिकों को भी पता नहीं चल पाता है. इधर कुछ दिनों से देश में फर्जी इंश्योरेंस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अनुसार पिछले 3 साल में देश में 113 करोड़ रुपये के फर्जी इंश्योरेंस किये गये.
कैसे फर्जी इंश्योरेंस के चक्कर में फंसते हैं लोग
दरअसल आज कल ऑनलाइन ठगी की घटना तेजी से बढ़ती जा रही है. फोन कॉल और सोशल मीडिया के जरिये साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. इंश्योरेंस के क्षेत्र में साइबर अपराधी लगातार अपना पांव पसारते जा रहे हैं. कई बार आपके पास भी अनजान नंबर से फोन कॉल आता है और दूसरी ओर से बताया जाता है कि उनकी इंश्योरेंस कंपनी ऑफर के तहत कम प्रीमियम में वाहनों का इंश्योरेंस कर रही है. वैसे में जब बाजार मूल्य से कम कीमत में अपको इंश्योरेंस का लाभ मिलता है, तो आसानी से लोग झंसे में पड़ जाते हैं और कंपनियों को पैसे ट्रांसफर कर देते हैं. आपको लगता है कि आपकी गाड़ी का इंश्योरेंस हो गया, लेकिन जब आपको क्लेम की जरूरत होती है, तो पता चलता है कि आपकी गाड़ी का इंश्योरेंस हुआ ही नहीं.
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कैसे पता लगायें फर्जी इंश्योरेंस
यहां आपको हम बताएंगे की फर्जी इंश्योरेंस का पता आप कैसे लगा सकते हैं. साथ ही इस आसान प्रक्रिया से भी आप यह पता लगा सकते हैं कि जिस कंपनी से आप इंश्योरेंस कराने जा रहे हैं, वो कंपनी सही है या फर्जी. फर्जीवाड़े को रोकने के लिए IRDAI ने Policyholder.gov.in नाम से एक वेबसाइट की शुरुआत की है. जिससे आप उस कंपनी के बारे में जान सकते हैं कि वो IRDAI में रजिस्टर्ड है या नहीं. वेबसाइट में अगर कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है तो इंश्योरेंस न करायें. आपको जानकारी दे दें की सभी बीमा कंपनियों को UID नंबर दिया जाता है. अगर आपकी पॉलिसी में UID नहीं है, तो समझें की आपका पॉलिसी फर्जी है.
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