Israel War: अदानी पोर्ट्स की मुश्किलें बढ़ी, धड़ाम से गिरा स्टॉक,जानें कंपनी ने फंसे कर्मियों को लेकर क्या कहा
Gautam Adani Post in Israel: अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने सोमवार को कहा कि इजराइल में स्थित हाइफा बंदरगाह पर तैनात उसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं और सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं.
Gautam Adani Post in Israel: इजरायल और हमास के बीच जारी जंग का सीधा असर भारत की कंपनियों पर पड़ने लगा है. अदानी समूह की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports & Special Economic Zone) ने इसी साल की शुरूआत में रणनीतिक महत्व वाले हाइफा बंदरगाह का 1.2 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था. युद्ध की सूचना के बाद भारतीय शेयर बाजार में कंपनी के शेयर में जबरदस्त गिरावट हुई. अदानी पोर्ट्स के शेयर करीब 5.09 प्रतिशत तक गिरकर 800 रुपये के नीचे आ गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स में लिस्टेड गौतम अदानी (Gautam Adani) की कंपनी के शेयर शुक्रवार को 830.75 पर क्लोज हुए थे. इसके बाद सोमवार को ट्रेडिंग सेशन शुरू होते ही स्टॉक करीब 37 रुपये यानि 4.54 प्रतिशत टूट गये. इसके बाद, बाजार में क्लोजिंग बेल के वक्त तक अदानी पोर्ट्स के शेयर 42.25 रुपये यानी 5.09 प्रतिशत टूटकर 788.50 रुपये पर बंद हुए. बाजार के वक्त कंपनी का शेयर सबसे ज्यादा टूटकर 788.30 रुपये तक पहुंच गया था.
कंपनी ने कहा- सभी कर्मचारी सुरक्षित
अदाणी समूह की कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने सोमवार को कहा कि इजराइल में स्थित हाइफा बंदरगाह पर तैनात उसके कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं और सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं. फलस्तीन के गाजा पट्टी इलाके पर नियंत्रण रखने वाले समूह हमास ने इजरायल के दक्षिणी इलाकों पर शनिवार को जमीनी एवं हवाई हमले कर दिए. इसके बाद से ही समूचे इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. अदाणी पोर्ट्स ने बयान में कहा कि वह हाइफा बंदरगाह को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी विपरीत स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उसने कारोबार को निरंतर जारी रखने की योजना तैयार कर ली है. कंपनी ने कहा कि हम जमीनी हालात पर नजदीकी निगाह बनाए हुए हैं. वहां का घटनाक्रम दक्षिणी इजरायल में हो रहा है जबकि हाइफा बंदरगाह उत्तरी इलाके में स्थित है. अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड ने बयान में कहा कि हमने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं और वे सभी सुरक्षित हैं. बयान के मुताबिक, अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के कुल कारोबार में हाइफा बंदरगाह की हिस्सेदारी महज तीन प्रतिशत ही है. चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में कंपनी का कुल लदान 20.3 करोड़ टन था जिसमें हाइफा की हिस्सेदारी 60 लाख टन रही. इसके साथ ही कंपनी ने अपना कारोबारी प्रदर्शन कायम रहने को लेकर पूरा भरोसा जताया है.
बंदरगाह प्रभावित होने से गंभीर होंगे हालत
मुंबई स्थित निर्यातक एवं टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि अगर स्थिति बिगड़ती है, तो उस क्षेत्र के हमारे निर्यातकों के लिए चीजें खराब हो सकती हैं. जबकि, जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अगर इज़राइल के तीन सबसे बड़े बंदरगाहों हाइफा, अशदोद और इलियट पर परिचालन बाधित हुआ तो व्यापार गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है. भारत-इज़राइल का माल तथा सेवा क्षेत्रों में व्यापार 2022-2023 में 12 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. सन फार्मा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, टेक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और इंफोसिस जैसी भारतीय कंपनियों की इजराइल में उपस्थिति है. इजराइली कंपनियों ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट और जल प्रौद्योगिकियों में निवेश किया है. वे भारत में अनुसंधान एवं विकास केंद्र तथा उत्पादन इकाइयां भी स्थापित कर रही हैं. अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच इज़राइली कंपनियों ने भारत में 28.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश (एफडीआई) किया है.
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खत्म नहीं हो रही अदानी की मुश्किलें
गौतम अदानी की कंपनी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं लें रहीं हैं. एक तरफ जहां हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से कंपनी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था, वहीं अब इजरायल और हमास के युद्ध ने टेंशन बढ़ा दी है. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स के वैल्यूएशन में 100 बिलियन डॉलर की कमी आ गई थी. हालांकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने कहा कि उसके द्वारा 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो गयी है. जिन दो मामलों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपा गया है उसमें अडानी समूह के 13 विदेशी एनटिटी यानि इकाईयों को लेकर जांच की जा रही है. हालांकि, सेबी के द्वारा अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. मगर, बाजार के जानकार बताते हैं कि वर्तमान में जो रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह की तरफ से उल्लंघन का मामला टेक्निकल जैसा है जिसमें जांच पूरी होने के बाद मॉनिटरी पेनल्टी लगाया जा सकता है.
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