IT Action: टैक्स के पैसे से गुलछर्रे उड़ाने वाले सावधान! खंगाला जा रहा है आपका खाता
IT Action: आयकर विभाग सबसे पहले उन लोगों पर कार्रवाई करेगा, जो आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं. इसके बाद वह फिर उन लोगों पर निशाना साधेगा, जो टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए अपनी आमदनी कम बताते हैं.
हाईलाइट्स
IT Action: आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल नहीं करने वाले या फिर आईटीआर में गलत जानकारी देकर टैक्स के पैसे से गुलछर्रे उड़ाने वाले सावधान हो जाएं. आयकर विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ एक्शन में आ गया है. अपनी आमदनी छिपाकर टैक्स के पैसों से मौज-मस्ती करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए आयकर विभाग ने ऐसे लोगों के बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है. खबर है कि आयकर विभाग डिजी यात्रा ऐप के आंकड़ों के जरिए टैक्स चोरी करने वालों के बैंक खातों को खंगाल रहा है.
डिजी यात्रा ऐप से डेटा मिला रहा आयकर विभाग
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट दी है कि आयकर विभाग ने डिजी यात्रा ऐप पर कैप्चर किए गए यात्रियों के आंकड़ों को जुटा लिया है और टैक्स चोरों की ओर से आईटीआर में घोषित आमदनी में की गई हेराफेरी की जांच कर रहा है. इसके लिए वह डिजी यात्रा ऐप के आंकड़ों से टैक्स फाइलिंग के आंकड़ों से मिलान कर रहा है. सूत्रों के हवाले से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि आयकर विभाग 2025 में डिजी यात्रा डेटा के आधार पर नोटिस जारी करना शुरू कर देगा.
क्या है डिजी यात्रा ऐप
डिजी यात्रा ऐप नागरिक उड्डयन मंत्रालय की पहल है, जिसका उद्देश्य हवाई यात्रियों की यात्रा को सहज और कागज रहित बनाना है. यह चेहरे की पहचान तकनीक का इस्तेमाल करता है और हवाई अड्डों पर आसान पहुंच के लिए यात्रियों की आईडी, बायोमेट्रिक्स और हवाई टिकटों का ब्योरा जुटाता है. हालांकि, यात्रियों के लिए ऐप डाउनलोड करना या उसका इस्तेमाल करना जरूरी नहीं है.
सबसे पहले आईटीआर दाखिल नहीं करने पर होगी कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग सबसे पहले उन लोगों पर कार्रवाई करेगा, जो आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं. इसके बाद वह फिर उन लोगों पर निशाना साधेगा, जो टैक्स का भुगतान करने से बचने के लिए अपनी आमदनी कम बताते हैं. आयकर विभाग अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई यात्रियों के आंकड़ों का अध्ययन कर रहा है. बार-बार या अधिक किराए वाली यात्राएं (विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्राएं) ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित कर सकती हैं, जिनकी रिपोर्ट की गई आमदनी ऐसे खर्च को उचित नहीं ठहराती है, जिससे आगे की जांच की जरूरत पड़ती है.
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टैक्स चोरों के पास ऐसे पहुंचाएगा डिजी यात्रा ऐप
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “डिजी यात्रा की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़े स्वाभाविक रूप से स्वच्छ, विश्वसनीय और सत्यापन के लायकर हैं, जो इसे कर प्रशासन में सरकारी इस्तेमाल के लिए एक मजबूत स्रोत बनाता है. डिजी यात्रा ऐप एक बार आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद दोबारा आईटीआर दाखिल नहीं करने वालों को आसानी से पहचान करा सकता है, जिससे उनके खिलाफ जांच करने में मदद मिलेगी. इसके बाद, आमदनी को दबाने या कम रिपोर्ट करने वाले करदाताओं को भी तसल्ली से टारगेट किया जा सकता है.”
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