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आयकर की धारा 192 को जानें, वर्ना हो जाएगा बड़ा नुकसान

IT Rules: आयकर अधिनियम की धारा 192 नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए आयकर अनुपालन की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. इस प्रावधान से न केवल सरकार को समय पर राजस्व मिलता है, बल्कि कर्मचारियों को कर भुगतान के झंझट से भी राहत मिलती है. सही जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करके कर्मचारी टीडीएस प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं.

IT Rules: सरकारी और प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों के लिए आयकर से संबंधित एक महत्वपूर्ण बात है. वह यह है कि वेतनभोगी कर्मचारियों को आयकर की धारा 192 और फॉर्म फॉर्म 12 BB के बारे में जान लेना चाहिए. इनके बारे में जानकारी नहीं होने की स्थिति में आपको बेवजह आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके बाद आप इधर-उधर से क्वायरी करते फिरेंगे. खास बात यह है कि फॉर्म 12 BB आयकर रिटर्न यानी आईटीआर का हिस्सा नहीं है. अगर आप आईटीआर फाइल करके निश्चिंत हो गए हो, तो यह आपकी भूल हो सकती है. आइए, आयकर की धारा 192 और फॉर्म 12 BB के बारे में जानते हैं.

आयकर की धारा 192 क्या है?

आयकर अधिनियम-1961 की धारा 192 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन से टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटने और सरकार को जमा करने से संबंधित है. यह केवल वेतन से होने वाली आमदनी पर लागू होता है और यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी द्वारा देय आयकर समय पर काट लिया जाए और सरकार तक पहुंचा दिया जाए.

आयकर की धारा 192 के तहत टीडीएस काटने का दायित्व

  • नियोक्ता का दायित्व: यदि कर्मचारी की वार्षिक आय आयकर छूट सीमा से अधिक है, तो नियोक्ता को वेतन का भुगतान करते समय टीडीएस काटना आवश्यक है.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आयकर छूट सीमा

  • सामान्य करदाता: 2,50,000 रुपये
  • वरिष्ठ नागरिक (60-80 वर्ष): 3,00,000 रुपये
  • अति वरिष्ठ नागरिक (80+ वर्ष): 5,00,000 रुपये

टीडीएस की गणना

  • नियोक्ता कर्मचारी की वार्षिक आय का अनुमान लगाता है और लागू कर स्लैब के आधार पर टीडीएस काटता है.
  • कर की गणना में कर्मचारी द्वारा दी गई घोषणाओं को शामिल किया जाता है. इनमें मूल वेतन, भत्ते, कटौतियां (80सी और 80डी) आदि शामिल होते हैं.

कर्मचारियों को धारा 192 के तहत दी जाने वाली घोषणाएं

आयकर की धारा 192 के तहत कर्मचारी अपनी आमदनी और निवेश की जानकारी प्रदान करते हैं, ताकि टीडीएस सही तरीके से काटा जा सके.

मूल वेतन और भत्ते

  • कर्मचारी द्वारा नियोक्ता को अपनी आमदनी के सभी स्रोतों की जानकारी देनी होती है.
  • भत्तों (जैसे एचआरए और परिवहन भत्ता) की जानकारी देना आवश्यक है.

कर कटौती योग्य निवेश

कर्मचारी को कर कटौती के लिए अपने निवेश और खर्च की घोषणाएं प्रस्तुत करनी होती हैं.

  • धारा 80सी: पीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस, जीवन बीमा प्रीमियम आदि
  • धारा 80डी: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम
  • धारा 24(बी): होम लोन पर ब्याज
  • धारा 10(14): भत्ते और प्रतिपूर्ति
  • अन्य आय की जानकारी: यदि कर्मचारी की आय किसी अन्य स्रोत (किराए और ब्याज) से हो रही है, तो इसकी जानकारी देना अनिवार्य है.

फॉर्म 12BB क्या है?

फॉर्म 12BB एक मानक घोषणा फॉर्म है. इसमें कर्मचारी अपने कर कटौती योग्य निवेश और भत्तों की जानकारी प्रदान करते हैं.

फॉर्म 12BB

  • यह केवल वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए है, ताकि नियोक्ता सही तरीके से टीडीएस काट सके.
  • यदि आप वेतनभोगी हैं और नियोक्ता को अपनी निवेश घोषणाएं (जैसे धारा 80सी के तहत पीएफ, जीवन बीमा, होम लोन ब्याज आदि) प्रदान करना चाहते हैं, तो आपको फॉर्म 12BB भरना होगा.
  • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नियोक्ता टीडीएस की सही गणना कर सके.
  • आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न)
  • यह आयकर विभाग को आपकी वार्षिक आय और कर अदायगी की रिपोर्ट देने की प्रक्रिया है.
  • इसमें आपकी सभी प्रकार की आय (वेतन, किराया और ब्याज आदि) और कर कटौती की जानकारी शामिल होती है.
  • भले ही आपने फॉर्म 12BB भरा हो या न भरा हो, आईटीआर फाइल करना अलग प्रक्रिया है.

धारा 192 के तहत प्रक्रिया

  • अनुमानित आय की गणना: नियोक्ता कर्मचारी की वार्षिक आय (वेतन और अन्य भत्तों) का अनुमान लगाता है.
  • निवेश घोषणाएं प्राप्त करना: कर्मचारी फॉर्म 12BB और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से निवेश और कटौती की जानकारी प्रदान करते हैं.
  • टीडीएस की गणना: नियोक्ता कुल आय से अनुमत कटौतियों (80सी और 80डी) को घटाकर कर योग्य आय की गणना करता है.
  • लागू कर स्लैब के आधार पर कर की गणना की जाती है.
  • मासिक टीडीएस कटौती: पूरे वर्ष के कर दायित्व को 12 महीनों में विभाजित करके मासिक आधार पर टीडीएस काटा जाता है.

टीडीएस जमा करना और प्रमाणपत्र जारी करना

  • नियोक्ता सरकार को टीडीएस जमा करता है और कर्मचारी को फॉर्म 16 प्रदान करता है.
  • फॉर्म 16 एक वार्षिक प्रमाणपत्र है, जो नियोक्ता द्वारा काटे गए टीडीएस का प्रमाण देता है.

क्या आईटीआर फाइल करने वाले भी फॉर्म 12BB भरेंगे?

आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करने और फॉर्म 12BB भरने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है.

फॉर्म 12BB भरना कब जरूरी है?

केवल वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए

  • यदि आप चाहते हैं कि नियोक्ता आपकी कर कटौती योग्य निवेशों को ध्यान में रखते हुए कम टीडीएस काटे, तो फॉर्म 12BB भरना अनिवार्य है.
  • अगर आप यह फॉर्म नहीं भरते हैं, तो नियोक्ता कर कटौती करते समय आपको किसी कर छूट का लाभ नहीं देगा.

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धारा 192 के अनुपालन के लाभ

  • कर्मचारियों के लिए: समय पर कर अदायगी सुनिश्चित होती है. कर बचत की योजना बनाने में सुविधा होती है.
  • नियोक्ताओं के लिए: कानून का पालन सुनिश्चित होता है. कर विवादों से राहत मिलती है.

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