ITC Demerger की खबर से सुस्त हुए शेयर, आईटीसी लि. बना सबसे बड़ा कंज्यूमर स्टॉक, हिन्दुस्तान यूनिलीवर को दी मात
ITC Demerger: आईटीसी के द्वारा शेयर बाजार को सूचना दी गयी कि वह पूर्ण अनुषंगी इकाई आईटीसी होटल्स लि. का गठन कर अपने होटल कारोबार को अलग करेगी.
ITC Demerger: भारतीय बाजार में सुबह से सुस्ती का माहौल रहा. इस बीच आईटीसी के द्वारा शेयर बाजार को सूचना दी गयी कि वह पूर्ण अनुषंगी इकाई आईटीसी होटल्स लि. का गठन कर अपने होटल कारोबार को अलग करेगी. इसके बाद, कंपनी के शेयर 2.14 मिनट के बाद बाजार बंद होने तक करीब 3.89 प्रतिशत तक टूट गए. मगर, स्टॉक अभी भी 40 प्रतिशत ऊपर है. हालांकि, इस बीच कंपनी के लिए एक और खुशखबरी बाजार से मिली. आईटीसी लि. बाजार में सबसे मुल्यवान फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी (FMCG) बनने की तरफ बढ़ गयी. कंपनी का वैल्यूएशन दिन के समय पहली बार 6.1 लाख करोड़ रुपये (74 अरब डॉलर) पर पहुंचा. इसने हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के 6.09 लाख करोड़ के मार्केट कैपिटलाइजेशन को भी पार कर दिया. बता दें कि पिछले एक वर्ष में ITC के शेयर में करीब 70 प्रतिशत की तेजी आई है. NIFTY-50 में शामिल सभी शेयरों से अधिक बेहतर इसका प्रदर्शन रहा. निवेशक भी हिंदुस्तान यूनिलीवर की तुलना में आईटीसी के शेयरों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
नयी इकाई संभालेगी होटल कारोबार
आईटीसी ने कहा कि होटल कारोबार के आगे बढ़ने के साथ यह तेजी से बढ़ते होटल क्षेत्र में अलग इकाई के रूप में अपने दम पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है. आईटीसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आईटीसी लि. के निदेशक मंडल ने 24 जुलाई को हुई बैठक में होटल कारोबार के लिये विभिन्न वैकल्पिक ढांचों का आकलन किया और उसपर चर्चा की. विचार-विमर्श के बाद, निदेशक मंडल ने होटल कारोबार को व्यवस्था योजना (कंपनी के कारोबार पुनर्गठन को लेकर कंपनी और शेयरधारकों या कर्जदाताओं के बीच समझौता) के तहत अलग करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. निदेशक मंडल ने पूर्ण अनुषंगी इकाई आईटीसी होटल्स लि. के गठन को भी मंजूरी दे दी. यह अनुषंगी इकाई समूह के होटल और संबंधित कारोबार का जिम्मा संभालेगी.
आईटीसी के पास होगी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी
आईटीसी ने कहा कि कंपनी के पास नई इकाई में लगभग 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और लगभग 60 प्रतिशत की बची हिस्सेदारी कंपनी के शेयरधारकों के पास होगी. यह कंपनी में उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में होगी. व्यवस्था योजना को मंजूरी के लिये निदेशक मंडल की 14 अगस्त को होने वाली बैठक में रखा जाएगा. आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा कि होटल केंद्रित इकाई का गठन भारतीय होटल एवं संबंधित उद्योग में अवसरों का उपयोग करके विकास और मूल्य सृजन आगे बढ़ाने में मददगार होगा. प्रस्तावित पुनर्गठन में आईटीसी और नई इकाई दोनों को संस्थागत तालमेल से लाभ मिलता रहेगा.
1975 में हुई थी आईटीसी होटल की शुरूआत
डीमर्जर को लेकर आईटीसी ने कहा कि अलग होने वाली नई इकाई से उपयुक्त निवेशकों और रणनीतिक भागीदारों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. साथ ही प्रस्तावित पुनर्गठन होटल एवं संबंधित कारोबार में कंपनी के निरंतर हितों को सुनिश्चित करेगा. साथ ही, वृद्धि को गति देने और निरंतर मूल्य सृजन की दिशा में नई इकाई को दीर्घकालिक स्थिरता और रणनीतिक समर्थन प्रदान करेगा. आईटीसी होटल्स की शुरुआत 1975 में हुई थी. कंपनी के पास 70 से अधिक स्थानों पर 120 होटल हैं.
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हाल ही में हुआ था रिलायंस का डीमर्जर
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का डीमर्जर (Reliance Industries Demerger) गुरुवार को हुआ. कंपनी के प्री-ओपन सेशन के अंत में NSE पर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFSL) के शेयरों का बाजार मूल्य 273 रुपये प्रति शेयर पर रहा. हालांकि, पहले अनुसमान लगाया जा रहा था कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर का मूल्य 160 रुपये से 190 रुपये प्रति शेयर के बीच हो सकता है. मगर, शेयर के दाम आशा से काफी आगे निकल गए. डीमर्जर के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी काफी तेजी देखने को मिली थी.
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क्या होता है डीमर्जर
किसी कंपनी का डिमर्जर, जिसे स्पिन-ऑफ या विनिवेश के रूप में भी जाना जाता है, एक कॉर्पोरेट पुनर्गठन रणनीति है जिसमें एक कंपनी अपने एक या अधिक व्यवसायों को अलग-अलग संस्थाओं में अलग करती है. डिमर्जर का परिणाम यह होता है कि मूल कंपनी की संपत्ति, देनदारियां और संचालन विभाजित हो जाते हैं और अलग-अलग, नवगठित कंपनियों में स्थानांतरित हो जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी स्वतंत्र प्रबंधन और स्वामित्व संरचना होती है. इसका सीधा फायदा ये होता है कि कंपनी अपने कोर व्यापार से अलग नये व्यापार पर ध्यान दे पाती है.
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