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ITR: 31 दिसंबर तक ITR दाखिल करें, वरना भुगतना पड़ सकता है भारी नुकसान

ITR: अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की 31 जुलाई की डेडलाइन मिस कर चुके हैं, तो अभी भी आपके पास 31 दिसंबर 2024 तक का समय है

ITR: अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की 31 जुलाई की डेडलाइन मिस कर चुके हैं, तो अभी भी आपके पास 31 दिसंबर 2024 तक का समय है. इस अवधि में आप लेट फीस के साथ विलंबित रिटर्न (Belated ITR) दाखिल कर सकते हैं.

लेट फीस के साथ ITR फाइल करने का मौका

आयकर अधिनियम की धारा 234F के अनुसार, टैक्सपेयर्स विलंबित रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए लेट फीस देनी होगी.

  • जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, वे 1,000 रुपये की लेट फीस देकर ITR फाइल कर सकते हैं.
  • जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है, उनके लिए लेट फीस 5,000 रुपये निर्धारित की गई है.

यदि आप तय समय तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो जुर्माना बढ़कर 10,000 रुपये तक हो सकता है और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

रिवाइज्ड रिटर्न का विकल्प

31 दिसंबर तक टैक्सपेयर्स कितनी भी बार रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना नहीं लगता.

विदेशी संपत्ति या आय छुपाने पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई

यदि किसी टैक्सपेयर ने अपनी विदेशी संपत्ति या आय की जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी है, तो यह गंभीर अपराध है.

  • इस पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
  • कुछ मामलों में जेल की सजा भी हो सकती है.
    आयकर विभाग के पास टैक्सपेयर्स की विदेशी संपत्ति और आय की पूरी जानकारी है, जिसमें बैंक अकाउंट डिटेल्स, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (TIN), और अकाउंट बैलेंस शामिल है.

31 दिसंबर के बाद क्या होगा?

यदि आप 31 दिसंबर तक ITR दाखिल नहीं कर पाते हैं तो:

  1. लेट फीस बढ़कर 10,000 रुपये तक हो जाएगी.
  2. 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

बिलेटेड ITR फाइल करने की प्रक्रिया

  • e-Filing पोर्टल पर जाएं और पैन का उपयोग करके लॉगिन करें.
  • अपनी आय के स्रोतों के आधार पर उपयुक्त ITR फॉर्म चुनें.
  • FY 2023-24 और असेसमेंट ईयर 2024-25 का चयन करें.
  • अपनी आय टैक्स छूट, और टैक्स देयता की सही जानकारी दर्ज करें.
  • किसी भी बकाया टैक्स का भुगतान ब्याज और जुर्माना सहित करें.
  • आधार ओटीपी या नेट बैंकिंग के माध्यम से रिटर्न को सत्यापित करें.

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