31 दिसंबर से पहले झटपट फाइल कर दें ITR वर्ना दोगुना देना होगा जुर्माना, जानिए कितनी ढीली होगी जेब…

ITR File Karo Jhatpat : वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 यानी गुरुवार को खत्म होने वाली है. अगर आपने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो आप अपना आईटीआर झटपट फाइल कर लें. अगर आपने 31 दिसंबर से पहले अपना आईटीआर फाइल नहीं किया, तो आपको पिछले साल के मुकाबले दोगुना जुर्माना भरना पड़ सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2020 7:53 PM

ITR File Karo Jhatpat : वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2020 यानी गुरुवार को खत्म होने वाली है. अगर आपने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो आप अपना आईटीआर झटपट फाइल कर लें. अगर आपने 31 दिसंबर से पहले अपना आईटीआर फाइल नहीं किया, तो आपको पिछले साल के मुकाबले दोगुना जुर्माना भरना पड़ सकता है.

इस बार रिटर्न फाइल करने में देर करने पर आपको कम से कम 10,000 रुपये का जुर्माना भुगतान करना होगा. यह पिछले साल के मुकाबले दोगुना बताया जा रहा है. पिछले वित्त वर्ष में आखिरी तारीख गुजर जाने के बाद रिटर्न फाइल करने पर 5,000 रुपये का ही जुर्माना भरना पड़ता था.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, रिटर्न दाखिल करने में देर होने पर यह जुर्माना या लेट फीस तभी लागू होगी, अगर आपकी शुद्ध कुल आमदनी (छूट और टैक्‍स एग्‍जेंपशन का दावा करने के बाद) वित्त वर्ष में पांच लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं होगी. इस तरह, अगर आपकी सालाना कुल आमदनी 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो आपको 1,000 रुपये की लेट फीस देनी होगी.

व्यक्तिगत आईटीआर फाइल करने की ये है आखिरी तारीख

आम तौर पर व्यक्तिगत आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख हर साल 31 जुलाई होती है. अगर आप इस समयसीमा के अंदर रिटर्न नहीं फाइल कर पाते हैं और फिर साल के आखिर में 31 दिसंबर तक आप रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आपको 5,000 रुपये की लेट फीस लगती है. इसके आगे आप अगर 31 दिसंबर के बाद लेकिन 31 मार्च से पहले रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपको जुर्माने के तौर पर 10,000 रुपये भुगतान करना पड़ेगा. 31 दिसंबर की समयसीमा खत्‍म होने के बाद जुलाई से दिसंबर तक निर्धारित समय समाप्‍त हो जाएगा. इस तरह अपने आप 10,000 रुपये की जुर्माना लागू हो जाएगा.

31 दिसंबर से पहले नहीं लगेगी कोई लेट फीस

इकोनॉमिक टाइम्स ने टैक्‍समैन डॉट कॉम के डीजीएम चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन वाधवा के हवाले से लिखा है कि आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाई जा चुकी है. इसलिए इस समयसीमा के भीतर 5,000 रुपये की लेट फीस लागू नहीं होगी. इसका कारण यह है कि यह आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख खत्‍म होने के बाद लागू होती है. इस तरह, जनवरी 2021 से लेकर मार्च 2021 के बीच फाइल किया गया आईटीआर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देर फाइल किए गए आईटीआर के दायरे में आ जाएगा. इस पर 10,000 रुपये की लेट फाइलिंग फीस लागू होगी.

खबर के अनुसार आईटीआर फाइलिंग वेबसाइट टैक्‍स2विन डॉट इन के सीईओ और संस्‍थापक अभिषेक सोनी भी कहते हैं कि इसकी वजह यह है कि इनकम टैक्‍स कानून के सेक्‍शन 234एफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस सेक्‍शन के तहत देर से रिटर्न फाइल करने पर जुर्माने के दो श्रेणी बनाई गई हैं.

सेक्‍शन 234 एफ के तहत कैसे वसूली जाती है फीस

  • अगर आईटीआर की समयसीमा के बाद लेकिन प्रासंगिक आकलन वर्ष के 31 दिसंबर से पहले फाइल किया जाता है, तो 5,000 रुपये की लेट फाइलिंग फीस वसूली जाती है. यह बात वित्त वर्ष 2019-20 के संदर्भ में लागू नहीं होती है. वजह यह है कि इसके लिए आईटीआर फाइल करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 है.

  • अगर आईटीआर एक जनवरी 2021 और 31 मार्च 2021 के बीच फाइल किया जाता है, तो लेट फाइलिंग फीसदी दोगुनी यानी 10,000 रुपये वसूली जाती है.

  • वहीं, अगर साल में कुल आमदनी 5 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं है, तो लेट फाइलिंग फीस 1,000 रुपये वसूल की जाती है.

किन मामलों में आईटीआर फाइल करना है जरूरी

आपको बता दें कि आईटीआर के बारे में उन लोगों को जानकारी दी जा रही है, जिन्हें 31 दिसंबर 2020 से पहले रिटर्न फाइल करना जरूरी है. यह बात दीगर है कि उनकी आमदनी बेसिक छूट की सीमा से कम ही क्यों न हो. लेट फाइलिंग फीस से बचने के लिए उन्‍हें समय से रिटर्न फाइल कर देना चाहिए.

कौन कर सकता है आईटीआर फाइल

  • जिन लोगों ने बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक में एक करोड़ रुपये या इससे अधिक जमा किए हैं.

  • खुद या परिवार के सदस्‍यों की विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्‍यादा खर्च किए हैं.

  • ऐसे लोग जिन्‍होंने वित्त वर्ष के दौरान 1 लाख रुपये से ज्‍यादा का बिजली का बिल जमा किया है.

  • ऑर्ड‍िनरी रेजिडेंट इंडिविजुअल जिनकी विदेश से इनकम है या भारत के बाहर खाता या संपत्ति है.

  • अगर सेक्‍शन 54, 54बी, 54डी, 54ईसी, 54एफ, 54जी, 54जीए या 54जीबी के तहत छूट का दावा करने से पहले अधिकतम छूट की सीमा से आमदनी ज्‍यादा है. ये सभी सेक्‍शन साल के दौरान पूंजीगत लाभ पर टैक्‍स से छूट का लाभ उपलब्‍ध कराते हैं.

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Posted By : Vishwat Sen

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